सागर-खेतों में लहलहा रहा काला सोना, हल्दी बेचकर बने लखपति
Black Gold अर्थात काली हल्दी! बुंदेलखंड के खेतों में काले सोने की फसल लहलहा रही है। एमपी के सागर, टीकमगढ़ व यूपी के झांसी, महोबा में किसान ब्लैक गोल्ड कहलाने वाली काली हल्दी की खेती से लखपति बन रहे हैं। बता दें कि काली हल्दी की खेती मूलतः ठंडे प्रदेश और हिमालय के पहाड़ी इलाकों में होती है, लेकिन सागर में मल्टीलेयर फॉर्मिंग से पहचाने जाने वाले युवा किसान आकाश चौरसिया ने सागर सहित बुंदेलखंड में काली हल्दी की खेती शुरु की है। वे काली हल्दी के अलावा सफेद और पीली हल्दी की खेती भी कर रहे हैं। काली हल्दी का उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी सहित दर्जनों अन्य बीमारियों के इलाज में होता है। आकाश परंपरागत खेती के साथ जैविक खेती, मल्टीलेयर फॉर्मिंग, विष रहित और गो-आधारित खेती के एक्सपर्ट के रुप में पहचाने जाते हैं। काली हल्दी शायद ही आपने देखी हो, हल्दी सामान्यतः पीली होती है। बुंदेलखंड के सागर में मल्टीलेयर फॉर्मिंग करने वाले युवा किसान आकाश चौरसिया अपने खेतों में तीनों प्रकार की हल्दी की फसल लगाए हुए हैं। वे बीते दो साल में 5 एकड़ खेत से 20 लाख रुपए से अधिक की हल्दी बेच चुके हैं। वे पूरे मप्र और यूपी के बुंदेलखंड में किसानों को हल्दी की खेती भी सिखा रहे हैं। परंपरागत खेती की अपेक्षा काली, सफेद और पीली हल्दी की फसल ज्यादा फायदेमंद साबित हो रही हैं। इसमें देखरेख कम लगती है और मुनाफा ज्यादा होता है। आकाश चौरसिया बताते हैं कि उन्होंने चार साल पहले पीली हल्दी की फसल लगाई थी। इसमें खासा मुनाफा हुआ तो उन्होंने रकबा बढ़ाकर दो गुना कर दिया। अन्य किसानों को भी हल्दी की खेती के लिए प्रेरित किया है।