आयुष्मान भारत योजना में घोटाला, निजी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त !
आयुष्मान भारत योजना में निजी अस्पताल का घोटाला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। कार्यवाई एमपी के बैतूल में की गयी। जहां वैष्णवी अस्पताल पर प्रशासन की टीम ने बीते 19 अक्टूबर 22 को छापा मारा था। जिसमें आयुष्मान योजना में गड़बड़ी सामने आई थी। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को आयुष्मान के मरीजों से अनाधिकृत रूप से पैसे वसूले जाने की शिकायत मिली थी। इसको लेकर बैतूल एसडीएम केसी परते, तहसीलदार प्रभात मिश्रा, सीएमएचओ और उनकी टीम ने वैष्णवी अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर में आकस्मिक छापा मारा। इस दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई। इस अस्पताल में आयुष्मान योजना में भी फर्जीवाड़ा हो रहा था। जिसके दस्तावेजी प्रूफ सामने आए हैं। अस्पताल से जो रिकार्ड जब्त किया गया उसकी जांच में गड़बड़ी मिली। आयुष्मान योजना का पोर्टल चेक किया गया। जिसमें अस्पताल में 19 मरीज भर्ती दिख रहे थे। जबकि जांच में 7 मरीज ही भर्ती थे। इसके अलावा इस अस्पताल में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए खुद की एम्बुलेंस का उपयोग बताया गया। अस्पताल की जांच के दौरान आईसीयू में भर्ती मरीज बुधियाराव देशमुख के परिजनों से चर्चा की गई तो बताया गया कि उनसे 22 हजार रुपए बिल लिया गया है। बिल भी प्रस्तुत किया। उस समय आईसीयू में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं मिला। वहां पर एक बीएचएमएस डॉक्टर ही इलाज करते मिले। गड़बड़ी साबित होने पर बैतूल सीएमएचओ ने अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया।