सागर-मोहब्बत वाला मोहल्ला ! बिन माँ-बाप की बेटियों की पड़ोसियों ने कराई शादी || SAGAR TV NEWS ||
सागर जिले के मधुकर शाह वार्ड से दिल को छू लेने वाला मामला सामने आया है, आज के जमाने में ये कम देखने को मिलेगा, जहां दो अनाथ बेटियों की शादी मोहल्ले वालों ने मिलकर हंसी खुशी की हो, भारती और अर्चना के सिर से मां बाप का साया छिन गया था, मां का साथ 16 साल पहले छूट गया था, एक साल पहले पिता नंदलाल रावत ने भी दम तोड़ दिया। नंदलाल रावत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर पीडब्ल्यूडी में सेवाएं देते थे। पहले मां का और फिर पिता का साया छिनने के बाद दोनों बेटियों की अपनी जिंदगी पहाड़ की तरह लगने लगी थी। छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पड़ोसियों और रिश्तेदारों पर निर्भर रहना पड़ता था और उन्हें लगने लगा था कि अब जिंदगी ऐसे ही बीतेगी। लेकिन ऊपरवाला कुछ और चाहता था। ऐसे में बेटियों के पिता के परिचित प्रीतम यादव ने बेटियों के हाथ पीले करने की सोची और मोहल्ले वालों से चर्चा की। सभी मोहल्ले वाले राजी खुशी पुण्य कार्य के लिए तैयार हो गए। अब जरूरत थी कि भारती और अर्चना के लिए लड़का कहां से ढूड़ा जाए। तो सागर नगर निगम से रिटायर कैलाश शर्मा ने यह जिम्मेदारी निभाई और रायसेन जिले में दो लड़क ढूंढे और उन्हें साफ तौर पर बता दिया कि बेटियां अनाथ हैं और सभी के सहयोग से बेटियों की शादी की जा रही है। लड़के वाले भी तत्काल तैयार हो गए और शुक्रवार रात भारती और अर्चना के हाथ पीले हो गए। भारती की शादी सुरेंद्र के साथ हुई है और अर्चना की शादी भगत सिंह के साथ हुई है।
दोनों अनाथ बेटियों को सुयोग्य वर मिलने के बाद शादी की जिम्मेदारी की बात आयी, तो सभी मोहल्ले वालों ने अलग-अलग जिम्मेदारी निभाई। किसी ने बेटियों की शादी के लिए बारातियों के खाने पीने की जिम्मेदारी ली। तो किसी ने बेटियों के लिए गहने जेवरात बनवाए। तो किसी ने बेटियों की गृहस्थी आसान हो जाए,इसके लिए उपहार दिए। सभी के सहयोग से भारती और अर्चना जिंदगी के नए सफर पर विदा हो गई।