वाटरफॉल वाले सिंदूरी गणेश, आल्हा-उदल ने की है इनकी पूजा अर्चना ! || SAGAR TV NEWS ||
सागर जिले के राहतगढ़ में एक ऐसी प्राचीन गणेश प्रतिमा है जो अपने आप में ही अनूठी है। जानकार 8 फिट ऊँची इस प्रतिमा को सैकड़ो साल पुरानी बताते हैं। वह तो यह भी कहते है। की आल्हा उदल ने भी इनकी पूजा की और उनके पदचिन्ह आज भी है। इन्हे वाटरफाल वाले गणेश भी कहा जाता है। यह राहतगढ़ के पाटन में स्थापित होते है। पाटन गांव में पहले जहां पर हीरा जवाहरात के बाजार लगा करते थे राहतगढ नगरी के बसाहट नहीं हुई थी यहीं पर लोगों का निवास हुआ करता था। यहां पर गणेश सामने भगवान शंकर विराजमान है गणेश भगवान के बाएं तरफ मुगदर भी रखा हुआ है आसपास कई प्रकार की पत्थर में आकृतियां उकेरी गई है। पहले सिर्फ मूर्ति थी बाद में नगर के समाज सेवी बैजनाथ प्रसाद वर्मा मुंशी जी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था यहां पर दूर दराज से लोग आते है पूजा अर्चना कर भंडारे कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते है। सागर टीव्ही न्यूज के संवाददाता धर्मेंद्र राजपूत ने मौके पर जाकर यहां के लोगो से बात और जानकरी जुटाई है -