पुस्तकालय विज्ञान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

सागर- राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के महानिदेशक प्रो. ए.पी. सिंह ने कहा है कि वर्तमान दौर में पुस्तकालयों के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं। पाठकों का रुझान पुस्तकालय के प्रति लगातार कम हो रहा है। ऐसे में हमें इनकी पुर्नसंरचना की आवश्यकता है. नए कलेवर के साथ हमें एक सेवा प्रदाता कंपनी के तौर पर खुद को स्थापित करने की जरूरत है. तभी पुस्तकालय में लोगों की आवाजाही वापस होगी।
प्रो. सिंह डॉ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू केन्द्रीय पुस्तकालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में मुख्य वक्तव्य थे। उन्होंने कहा कि अभी पुस्तकालय राज्य सूची के विषय हैं इसलिए उनका वैसा उन्नयन नहीं हो पाता। इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्रीय सूची में लाने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि हम शीघ्र विधानसभा में प्रस्ताव लाकर मध्यप्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम की शुरुआत का प्रयास करेंगे। पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान की हृदयस्थली होते हैं। इन्हें समृद्ध करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का जुड़ाव कैसे पुस्तकों के प्रति हो इस पर काम करने की जरूरत है. यह संगोष्ठी इस मायने में मील का पत्थर साबित होगी।
संगोष्ठी का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ. स्वागत उद्बोधन देते हुए संगोष्ठी के चेयरमैन प्रो. इंचार्ज डा. उमेश के. पाटिल ने संगोष्ठी की रुपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विज्ञान के इतिहास में प्रथम बार इस स्तर की संगोष्ठी आयोजित हो रही है. इस विषय के छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। संगोष्ठी के सचिव, डिप्टी लाइब्रेरियन डा. संजीव सराफ ने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य लाइब्रेरी साइंस विषय को आज की जरूरतों के हिसाब से नए सिरे से स्थापित करना है. लाइब्रेरी साइंस विषय को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित करने वाले विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आर. जी. पराशर ने कहा किबदलते दौर में पुस्तकालय ऑटोमेशन जरूरी है। कुलसचिव डॉ संतोष सहगौरा ने कहा कि प्रिन्टेड पुस्तको का अपना महत्व है, इनका स्थान अन्य नही ले सकता। इस अवसर पर दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के डॉ आर एन शर्मा, जीवाजी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रति कुलपति प्रो जे एन गौतम, देवी अहिल्या विश्विद्यालय के प्राचीन गणित केंद्र के डायरेक्टर प्रो अनुपम जैन ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ. संजीव सराफ, आभार डॉ. मुकेश साहू ने किया। तकनीकी सत्रों का संचालन डॉ. नीलम थापा, डॉ. महेंद्र कुमार और डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने किया।


By - sagartvnews
12-Dec-2022

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