यह कहानी एक लालची और क्रूर इंसान की है। उसने 2 शादियां की फिर एक पत्नी को रास्ते से हटाने की साजिश रची। उसे मारने के लिए तमाम हदें पार कर दीं। पत्नी को 2 बार जहरीले सांप से डसवाया। जब वो बच गई तो जहर का इंजेक्शन भी दिया। इतना करने के बाद भी पत्नी नहीं मरी, लेकिन गंभीर रूप से बीमार जरूर हो गई। महिला महीने भर अस्पताल में रही। उसके 7 ऑपरेशन हुए। प्लास्टिक सर्जरी तक करवानी पड़ी। अब वह स्वस्थ है। आरोपियों पर केस भी दर्ज किया गया। हालांकि, सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
कहानी मंदसौर जिले के यशोधर्मन नगर थाना क्षेत्र के माल्याखेड़ी गांव की है। यहां मोजिम अजमेरी अपनी दूसरी पत्नी हलीमा के साथ रह रहा था। मोजिम ने हलीमा से दूसरा निकाह किया था। मोजिम की पहली पत्नी शानू बी उसे छोड़कर भाग गई थी, तब वह जेल में था। 2013 में तस्करी के एक मामले में मोजिम जोधपुर जेल में बंद था। दो साल की सजा काटकर 2015 में मोजिम बाहर आया, तब उसे पत्नी के भागने की जानकारी मिली। इसके बाद मोजिम ने हलीमा से निकाह किया। एक दिन मोजिम के फोन की घंटी बजी, उस तरफ से एक महिला की आवाज आई, तो वह रोने लगी। मोजिम उसे पहचान गया। आखिरकार उसने बरसों तक आवाज सुनी थी। आवाज पहली पत्नी शानू की थी। यह वही पत्नी थी, जो मोजिम के जेल में रहते हुए किसी के साथ भाग गई थी। उस दिन के बाद अकसर शानू काे फोन आने लगा, लेकिन मोजिम ने यह बात हलीमा को नहीं बताई। जब बेटाइम लंबी बातें होने लगी तो हलीमा को पता चला कि शानू फिर मोजिम की जिंदगी में आ गई है। दोनों में फिर से प्यार उमड़ गया है। दोनों साथ रहना चाहते हैं, लेकिन हलीमा बीच में आ रही थी। मोजिम ने साजिश रची कि वह हलीमा को रास्ते से हटाएगा। वह रोज सोचता कि कैसे भी हलीमा को मार डाले और उसका नाम न आए। जोधपुर जेल में बंद रहने के दौरान उसकी पहचान सांप पकड़ने वाले रमेश मीणा से हुई थी, जो बाद में उसका दोस्त बन गया। 2015 में दोनों जेल से बाहर थे। मोजिम को पता चला कि सांप के डसने से मौत होने पर मृतक के परिजन को सरकार से 4 लाख रुपए की सहायता राशि मिलती है। उसने पुराने दोस्त रमेश मीणा को बुलाया। उसे दोस्ती का वास्ता देने के साथ-साथ पैसों का लालच भी दिया। रमेश भी मोजिम का साथ देने के लिए तैयार हो गया। मोजिम अपने दोस्त रमेश और काला अजमेरी को घर लेकर लाया था। रमेश के पास एक बैग था, जिसमें उसने रसेल वाइपर सांप छिपाकर रखा हुआ था। तीनों ने आते ही लाइट बंद कर दी। जब हलीमा ने पूछा लाइट क्यों बंद की, तो तीनों ने कहा कि कुछ काम है, तुम सो जाओ। इसके बाद हलीमा सोने चली गई। तीनों बातें करने लगे कि हलीमा काे कितनी बजे सांप से कटवाना है। तीनों दोस्त समझ रहे थे कि हलीमा सो चुकी है, लेकिन वह जाग रही थी। काला और मोजिम ने हलीमा को पकड़ लिया। रमेश ने बैग से सांप निकाला और उसे डसवा दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। हलीमा को सुबह 5 बजे होश आ गया। यह देखकर मोजिम चौंक गया कि यह कैसे बच गई। काला और मोजिम ने हलीमा को फिर पकड़ा इस बार रमेश ने उसे जहर का इंजेक्शन दिया। उसे दोबारा सांप से कटवा दिया। हलीमा के मुंह से झाग निकलने लगा। लड़खड़ाते हुए हलीमा ने शरीर में बची हुई ताकत इकट्ठा करके पड़ोसन सबीना को आवाज दी। कहा- तुरंत मेरे अब्बा को बुला दो। सबीना उसकी अच्छी दोस्त थी। उसने तुरंत हलीमा के अब्बा को फोन कर दिया। मोजिम और उसके दोस्तों को लगा कि इतने जहर के बाद तो हलीमा का मरना तय है। तीनों उसे वहीं छोड़कर भाग गए। हलीमा घर में पड़ी थी। तुरंत ही उसके अब्बा मोहम्मद सादिक और भाई सद्दाम पहुंच गए। उसे अस्पताल ले गए।
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