कथा में पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्म उत्सव में झूमे श्रद्धालु, सच्चा गुरू, माता-पिता वहीं जो अपने बच्चो को भक्ति के रास्ते पर ले जाये
सागर- राजघाट रोड पर ग्राम मझगुवां अहीर में नीरज तिवारी फार्म हाऊस पर आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में पांचवें दिन कथा के आखिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीकृष्ण भक्ति में जमकर झूमे। इस बीच फूलों और गुलाल की वर्षा हुई। कथा व्यास भक्तिप्रसाद पं. हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में इस बात का उल्लेख है कि भगवान नाम की महिमा पूछने पर भगवान स्वयं भी महिमा का बखान नहीं कर पाये थे। उन्होंने कथा के माध्यम से बताया कि भगवान का नाम लेने वाले भक्त को लेकर ब्रह्माजी, शिवजी और इंद्र जब श्री हरि के पास गये और नाम की महिमा पूछी तो भगवान ने पहले नाम लेने वाले को उनकी गोद में बिठालने को कहा। यह भगवान की महिमा है कि भक्त को सीधा भगवान की गोद में बिठाला गया। कथा व्यास भक्तिप्रसाद पं. हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि भगवान आपके पास आकर आपको गले लगाना चाहते हैं और आप हैं कि भगवान से वस्तुएं मांगते हैं। अरे जब भगवान ही आ जाएंगे तो कोई अभाव नहीं रहेगा। यहां कथा स्थल पर जितने भी भक्त बैठे हैं सबको भगवान मिल सकते हैं। भगवान में यह सामथ्र्य है। हम लोग मूर्ख हैं जो श्रीराम नाम को बेचते हैं। आपने सोचा कि फलाना काम हो जाए तो अखण्ड कीर्तन कराएंगे। यही भगवान के नाम को बेचना हुआ। श्री राम नाम के बल पर उद्धार होगा, अन्य कोई उपाय नहीं है इसलिए खाते-पीते, सोते-जागते हर समय स्मरण करें। दृढ़ विश्वास से ही भक्ति होती है। ध्रुव ने भगवान से सिर्फ भक्ति मांगी थी तो भगवान से परमपद के साथ ३६ हजार साल का राज भी दिया था। सच्चा गुरू, माता-पिता वहीं हैं जो अपने शिष्य और पुत्र को भगवान की भक्ति के मार्ग पर लगाएं न कि संसार में उलझाएं। कथा के मुख्य यजमान रामशंकर तिवारी के साथ गणमान्य नागरिको ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर महाआरती की। इस अवसर पर विशेष साज-सज्जा की गई थी।