हिन्दू दोस्त अपने मरहूम मुस्लिम दोस्त का करता है तर्पण || SAGAR TV NEWS ||
हम अपनी जान की दुश्मन को अपनी जान कहते हैं मोहब्बत की इसे मिटटी को हिन्दुस्तान कहते हैं। राहत साहब का शेर कई मायनों में बड़ा है। वहीँ कृष्ण और सुदामा की दोस्ती आज भी एक मिसाल है और रहेगी। अब आपको हिन्दू मुस्लिम की एकता और दोस्ती की ऐसी ही मिसाल बताते हैं। जहां एक हिन्दू अपने मुस्लिम दोस्त का तर्पण करते हैं। हम बात कर रहे हैं सागर जिले के सुरखी के चतुर्भटा गाँव की। ये हैं रामनरेश दुबे जो पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों का तर्पण तो करते ही हैं। साथ ही अपने मरहूम दोस्त पेशे से वकील सैयद वाहिद अली का भी तर्पण करते हैं। सागर निवासी वाहिद अली जिनकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। ये दोनों अच्छे दोस्त थे। रामनरेश दुबे अपने पूर्वजों और दोस्त की आत्मा की शान्ति के लिए पितृ पक्ष में तर्पण करते हैं।वाकई ये गंगा जमुनी तहज़ीब की ये अनोखी मिसाल है।