जान की बाजी लगाकर काम कर रहे मजदूरों को अधिकारी के खिलाफ क्यों लामबद्ध होना पड़ा
एमपी के बैतूल जिले में कोयला खनन का काम रही अरविंदो कंपनी के खिलाफ यहां के स्थानीय और बाहरी श्रमिकों ने मोर्चा खोला और अपनी नाराजगी दिखाई। इसके साथ ही इन श्रमिकों ने नेता प्रतिपक्ष पिंटीस नागले के नेतृत्व में कंपनी का पुतला जीएम ऑफिस के सामने ही फूंका और ज्ञापन सौंपा। श्रमिकों का आरोप है कि कंपनी उनका षोसण कर रही है और उसकी बात न मानने पर कंपनी के अधिकारी काम से हटाने के लिए धमका रही है। वीओ बताया जाता है कि तवा टू खदान में हैदराबाद की अरविंदो कंपनी कोयला खनन का काम पिछले 1 साल से कर रही है इसमें लगभग 57 श्रमिक काम कर रहे हैं और इन श्रमिकों के एटीएम और पासबुक पिछले 1 साल से कंपनी के अधिकारियों के पास थे जो पिछले महीने स्थानीय श्रमिकों को यह कह कर दिए गए कि उनके खाते में 1184 रुपए प्रतिदिन की दर से पूरे महीने का पेमेंट आएगा पर उन्हें सिर्फ 500 प्रतिदिन की दर से पूरे महीने का भुगतान अपने पास रखना है बाकी राशि नगद निकालकर कंपनी अधिकारियों को वापस देना है, साथ ही मार्च महीने से उन्हें प्रतिदिन 600 रूप्ए की दर से भुगतान रखना है और शेष राशि वापस कंपनी के अधिकारियों को लौटना है ऐसा नहीं करने पर उन्हें काम से निकाल दिया जाएगा। यह सुनकर श्रमिक आक्रोषित हो गए और मान रहे है कि इस काम में कुछ स्थानीय श्रमिक नेताओं का सहयोग है। बहरहाल, यह श्रमिक अधिकारियों के ज्ञापन सौंपने पहुंचे और मांग की है कि स्थानीय श्रमिकों के शोषण की समस्या का समाधान कर सार्वजनिक तौर पर स्थानीय युवा श्रमिक और स्थानीय आदिवासी श्रमिकों के सामने उन्हें बताया जाए कि उन्हें किसी को भी कोई पेमेंट नहीं लौटना है और उन्हें कोई भी काम से नहीं निकाल सकेंगा। साथ ही 473 रुपए की दर से 1 साल का डिफरेंस पेमेंट श्रमिकों को वितरित करें। नही ंतो वे आंदोलन करेंगे। इस मौके पर दुर्गेश कहार, अजय कहार, सौरभ उईके, विजय जयसवाल, कुणाल डेरिया, आकाश उईके, राहुल कहार सहित बड़ी संख्या में स्थानीय युवा मौजूद रहे. इस मामले में नगर पालिका परिषद सारणी के नेता प्रतिपक्ष पिंटीस नागले ने बताया