सागर | बेटी की डोली उठने से पहले पिता-पुत्र की अर्थी उठ गई,नम हुई गांव वालो की आँखे SAGAR TV NEWS
बेटी की शादी की तैयारियों में जुटे परिवार पर एक के बाद एक दुख के पहाड़ टूट पड़े। जिस घर में शगुन का संगीत और बधाइयां गूंजने वाली थीं वहां 20 दिन के अंदर दो सदस्यों की जान जाने से मातम पसर गया। रिश्तेदार दुखी हैं, बेटी के हाथ पीले करने दिन-रात दौड़ धूप करने वाले पिता और दादा की जान जाने से परिजन सदमे में डूबे हैं। कछवाड़े से आजीविका चलाने वाले परिवार के सामने बेटी के विवाह के लिए आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। मामला सागर मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित सानौधा गांव का है। जहां पटेल परिवार में 22 साल की बेटी के हाथ पीले कर उसे विदा करने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन बेटी की डोली उठने से पहले 15 जनवरी को पिता भरत पटेल और फिर 5 फरवरी को दादा शोभाराम पटेल का निधन हो गया। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया, वहीं पति के निधन का पत्नी को ऐसा सदमा लगा कि वह 20 दिन से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। नेहा दो भाई और एक बहन है दोनों भाई छोटे हैं और वह इतने सक्षम नहीं है कि वह परिवार का पालन पोषण कर सके। मृतक भरत पटेल बगीचा लगाकर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। अब परिवार के सामने नेहा की शादी करने और घर परिवार को चलाने की चुनौती खड़ी हो गई है। बताया गया की शादी के खुशी भर माहौल में मकर संक्रांति पर गोद भराई की रस्म अदायगी हुई। अगले ही दिन बेटी के पिता के सीने में दर्द उठा अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका, अंतिम संस्कार दिन तेरहवीं हुई परिवार के लोग इस हादसे से उबर ही रहे थे और लड़के का तिलक करने जाने की तैयारी करने लगे। सोमवार को तिलक की रस्म होनी थी लेकिन उससे ठीक पहले रात में दादा के सीने में दर्द उठा और उनके साथ भी वही हुआ जो पिता के साथ हुआ था। जिस घर में बेटी की डोली उठाने की तैयारी की जा रही थी वहां पिता पुत्र की 20 दिन के अंदर अर्थी उठ गई जिससे पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।--------