सागर-इन गांव में लुटेरों की वजह से किसानों ने छोड़ी चने की खेती !
सागर के गांव में लुटेरों का आतंक किसानों ने छोड़ी चने की खेती !
सागर-इन गांव में लुटेरों की वजह से किसानों ने छोड़ी चने की खेती !
सागर में जंगली इलाकों से लगे किसान जानवरों से इस कदर परेशान हैं कि वे धीरे-धीरे खेती छोड़ने तक को मजबूर हो रहे हैं, बंदर, हिरण, सूअर और नीलगाय जैसे जानवर फसलों पर नजर रखते हैं, जैसे ही किसान एक-दो घंटे के लिए भी खेत से बाहर निकलता है तो फसलों के ये लुटेरे अपना काम कर जाते हैं. सानौधा, सिमरिया, धारखेड़ी गांवों में बंदरों का आतंक भी इस कदर है कि दर्जनों किसानों ने चने की खेती करना ही छोड़ दिया है, उनका कहना है कि दो-तीन सालों से परेशानी बढ़ती ही जा रही है. अब किसानों को खेत में मेहनत करने के साथ-साथ जंगली जानवरों से भी अपनी फसलों को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है. बच्चों को अकेले खेत भेजने से डर लगता है. वहीं अब खेतों की रखवाली के लिए अलग से समय निकालना पड़ता है किसानों का कहना है कि जब हम लोग चने की खेती करते थे तब बंदर अगर थोड़े समय के लिए भी खेत में पहुंच जाते तो वह पूरा चना खा जाते थे. इसलिए सभी ने एक राय होकर चने की खेती करना बंद कर दिया, ताकि बंदर न आएं. लेकिन, अब वे गेहूं की फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं. बता दें कि इस इलाके में पानी की कमी होने की वजह से किसान चना, मसूर, सरसों की खेती किया करते थे ताकि उनके खेत से कुछ न कुछ फसल हो जाए और उन्हें गुजारा करने में सहूलियत हो, लेकिन कभी अतिवृष्टि तो कभी सूखे की वजह से फसलें बर्बाद हुईं लेकिन अब तो इन जानवरों से ज्यादा खतरा है