मिनी करीला में रंग पंचमी मेले का आयोजन नृत्यांगनाओं ने की बधाई
देश के मिनी करीला में रात भर नाची नृत्यांगना
मिनी करीला में रंग पंचमी मेले का आयोजन नृत्यांगनाओं ने की बधाई
अशोक नगर जिले के करीला धाम पर हरवर्ष विशाल मेले का आयोजन किया जाता हूं, जिसकी प्रसिद्धि पूरे प्रदेश में फैली हुई है, जहां प्रदेशभर से श्रद्घालु दर्शन और राई नृत्य करवाने के लिए आते हैं। इसी तर्ज पर रायसेन जिले के भानपुर गंज में भी स्थित लवकुश और माता सीता का मंदिर स्थापित है जो मिनी करीला के नाम से प्रसिद्ध है यहां भी रंगपंचमी के मौके पर मेला लगता है और बड़ी संख्या में श्रद्घालु दर्शन करने यहां आते हैं।मनोकामनाएं पूरी होने पर श्रद्घालु यहां पर रातभर राई नृत्य करवाते हैं। मिनी करीला के नाम से मशहूर भानपुर गंज के इस स्थान पर लगभग डेढ़ दशक से ज्यादा समय से हर साल रंगपंचमी पर यह आयोजन होता है तथा मनोकामना पूर्ति को लेकर दूर दराज से हजारों लोग यहां पहुंचकर राई नृत्य बधाई के रूप में करवाते है। भक्तो का आना जाना लगा रहता हैं और सैंकड़ो निरत्यागनाये नाचती रहती है। यहां माँ जानकी के अलावा लव कुश की भी मूर्ति है। करीला धाम में सुवह से ही भक्तो का ताँता लग जाता हैं और लगभग 50 हजार से लाखों भक्त यहाँ दर्शनो के लिए आते हैं, बेडनी नचवाने की परम्परा आज भी हैं। रायसेन जिले में यह आयोजन अपने आप में अकेला ऐसा आयोजन है। प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित करीला धाम की तरह गैरतगंज का भानपुर गंज प्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान है जहां का करीला मेला व्यापक क्षेत्र में प्रसिद्धि की ओर है।मान्यता है कि रंगपंचमी पर यहां मन्नत मांगने वालो की हर मुराद पूरी होती है तथा बदले में श्रद्धालु यहां लोकनृत्य राई को बधाई के रूप में करवाते हैं। इस साल भी मेले में बधाई नृत्य के लिए पर्याप्त तैयारियां की गईं। मेला स्थल पर स्थानीय सहित दूरदराज से बडी संख्या में नर्तकियां बधाई नृत्य के लिए मौजूद रही।मेला आयोजन की व्यवस्थाओं की कमान प्रशासन, पुलिस व आयोजन समिति के सदस्यों ने संभाली।गौरतलब हे की अशोक नगर में माँ जानकी धाम में रंगपंचमी के दिन जो यहां नहीं जा सकते, बह रायसेन के भानपुर में अपनी मुराद पूरी कर सकतें हैं। बताया जाता है कि भक्तां की आस्था के कारण माँ भानपुर की पहाड़ी पर प्रकट हुई थी। जो भक्तो की मनोकामनाए पूर्ण कर रही हैं।वही मां निरत्यागनाओ के हाथों की प्रसादी, झंडा आदि ग्रहण करती है।