रंगपंचमी पर लगने वाला करीला का मेला देश मे प्रसिद्ध है जानिए इसकी खासियत || SAGAR TV NEWS ||
रँगपंचमी के अवसर पर अशोकनगर जिले के करीला धाम पर लगने वाला भव्य मेला देश भर में प्रसिद्ध है। इस स्थान का धार्मिक महत्त्व और यहां मन्नत पूरी होने पर होने वाले प्रसिद्ध बुंदेलखंडी नृत्य राई भी काफी प्रसिद्ध है। इस मेले को लेकर जिला प्रशासन काफी सारी व्यस्थाये मेले के सफल आयोजन के लिए करता है। इस बार भी मेले में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी कहा जाता है कि यहां पर जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है शॉट... अशोकनगर से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित करीला धाम। पहाड़ी पर स्थित माता जानकी का मंदिर जहाँ पर जब भगवान राम ने माता सीता को त्याग दिया था तो वनवास के दिनों में माता सीता ने बालमीकि जी के आश्रम पर रह कर लव और कुश को जन्म दिया था। जन्म के बाद स्वर्ग से अप्सराओं ने आकर बधाई नृत्य किया था। इसी मान्यता के आधार पर इस मंदिर पर हर साल रँगपंचमी के अवसर पर विशाल मेला लगता है। देश भर से श्रद्धालु यहां आते हैं और सीता माता के दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। मन्नत पूरी होने पर राई( बुंदेलखंडी नृत्यांगनाओं) से बधाई नृत्य करवाते हैं। रँगपंचमी के दिन का विशेष महत्त्व होने के कारण एक ही दिन में यहाँ 10 से 15 लाख भक्त यहां दर्शन करने और मन्नत मांगने आते हैं।