सागर-मरी भैंस का बीमा मालिक को देने इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता आयोग ने दिया आदेश | SAGAR TV NEWS |
राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक मरी भैंस के मालिक के पक्ष में फैसला सुनाया है। हालांकि यही फैसला 5 साल पहले तत्कालीन जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम ने सुनाया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ भैंस का बीमा करने वाली यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने राज्य उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया था। मामले में पैरवी उपभोक्ता मामलों के जानकार वरिष्ठ वकील पवन नन्होरिया ने की थी। अब आयोग ने बीमा कंपनी प्रभावित किसान को बीमा धन के रूप में 50 हजार रुपए, आदेश दिनांक से इस राशि पर 6 प्रतिशत सालाना ब्याज जोड़ते हुए सेवा में कमी के मद में 8 हजार रुपए और किसान को वाद व्यय के रूप में 2 हजार रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। मामला सागर के एक गांव बांसा तोड़ा निवासी किसान पुरुषोत्तम कुर्मी का है। उन्होंने अगस्त 2016 में गोपालगंज सागर स्थित कार्पोरेशन बैंक से फाइनेंस कराकर दो भैंसें खरीदी थी। पुरुषोत्तम ने नियमानुसार एक वर्ष के लिए दोनों भैंसों का 50-50 हजार रुपए का बीमा कराया था। जिसमें से एक भैंस की महीने भर बाद सितंबर 2016 में अकस्मात मौत हो गई। जिसके बाद किसान कुर्मी ने फाइनेंस करने वाले बैंक और बीमा कंपनी को सूचना दी। नियमानुसार भैंस का पीएम कराया गया। सरकारी डॉक्टर ने रिपोर्ट दी। इधर बैंक मैनेजर ने बीमित भैंस के कान में लगने वाला टैग जमा करा लिया। जिसके बारे में उन्होंने बीमा कंपनी को भी जानकारी दी। इधर यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी किसान से वह टैग, बीमा कंपनी में जमा कराने के लिए अड़ गए। और उन्होंने नो टैग नो क्लेम नियम की आड़ लेकर किसान पुरुषोत्तम का बीमा दावा खारिज कर दिया। पूरे मामले पर विचारण के बाद उपभोक्ता आयोग ने माना कि बीमा कंपनी द्वारा टैग नहीं मिलने पर बीमा धन नहीं देने की बात समझ से परे है। जबकि उन्हें यह मालूम था कि किसान ने वह टैग फाइनेंस करने वाले बैंक मैनेजर को सौंप दिया था।