सागर-देवी के 64 स्वरूपों के दर्शन के लिए जाना जाता है यह विशालकाय बरगद का पेड़ देखिये
सागर-देवी के 64 स्वरूपों के दर्शन के लिए जाना जाता है यह विशालकाय बरगद का पेड़ देखिये
अनोखा बरगद का पेड़ जहाँ योगिनी मां के 64 स्वरूप है
मध्य प्रदेश के सागर में कई धार्मिक स्थान हैं जिनकी अपनी अलग अलग मान्यताये हे इनमें से एक है सागर जिले की देवरी विधानसभा के महाराज पुर में स्थित 64 योगिनी माँ का स्थान। यह स्थान आस्था का केंद्र तो है ही, इसकी सबसे प्रमुख विशेषता है यहां का विशालकाय बरगद का पेड़।यह पेड़ देश के उन बड़े बरगदों में शामिल है जो अपनी विशालता के लिए जाने जाते हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह पेड़ हजारों साल पुराना है और निरंतर फैलता जा रहा है। इसकी विशालता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि यह करीब तीन एकड़ में फैला हुआ है। इस विशाल काया बरगद की वृक्ष की अनेकों जड़े और शाखाएं हैं।इस विशाल बरगद के नीचे मां जगत जननी मां के 64 स्वरूप में विराजमान है।मां चौसठ योगिनी के मंदिर तक पहुंचने के लिए नेशनल हाईवे 26 पर सागर और नरसिंहपुर मार्ग के बीच पड़ने वाले देवरी विंधानसभा के महाराजपुर से दो किलोमीटर लंबा रास्ता है जो पनारी गांव तक जाता है।नौरादेही अभ्यारण्य से लगा होने के चलते जो भी सैलानी यहां आता है, वह इसे निहारता ही रह जाता है। चैत्र नवरात्रि पर यहां मेले का आयोजन होता है जो नौ दिनों तक चलता है।मां चौसठ योगिनी धाम में हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं साथ ही इस मंदिर में नवरात्रि के समय विशेष पूजा अर्चना के साथ कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है मंदिर के पुजारी पंडित सीताराम बैध एवं पंडित श्रीकान्त बैध अनवरत सेवा दे रहे हैं।उन्होने मंदिर को लेकर बताया की मां के 64 स्वरूप विशाल बरगद के नीचे मां जगत जननी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन यहां मिलते हैं। माँ यह पचमढ़ी जैसी ठंडक बनाये हुए हे हर दिशा में चौसठ योगिनी की मूर्तियां यहां स्थित हैं, जो इसे सिद्ध क्षेत्र बनाती हैं।