पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सागर शहर या उसके आसपास पहली बार बहेरिया में कथा की जा रही है पहले दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने के लिए पहुंचे जो उनके द्वारा भगवान राधा कृष्ण पर गाए भजनों पर जमकर झूम कर भक्ति भाव में विभोर होकर दिखाई दिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद् भागवत कथा में राधा और मीरा प्रेम का अंतर बताया महाराज ने कहा कि राधा ने श्याम की उपस्थिति में प्रेम किया जबकि मीरा ने श्याम को मन में बसा कर उनसे प्रेम किया भगवान ने राधा से प्रेम किया लेकिन विवाह रुकमणी से किया उन्होंने बताया कि दो आत्मा एक हो उसे ही विवाह कहते हैं अब के समय में शरीर के मिलन को ही विवाह कहते हैं राधा और मीरा के चरित्र की मदद से उन्होंने चाहे फांसी लगे या लगे हथकड़ी मेरी बांके बिहारी से अखियां लड़ी भजन जैसे ही गाया तो मानो सामने बैठे श्रद्धालु भक्ति में भाव विभोर होकर झूम उठे उन्होंने कथा की शुरुआत में कहा कि भागवत कथा कोई पुस्तक नहीं जो पढ़ लिया उसे अपने जीवन में उतारना भी जरूरी है मरने के बाद मोक्ष मिलता है कि नहीं यह किसको पता कुछ ऐसा काम करो कि जीते जी मोक्ष मिल जाए उन्होंने कहा कि कृष्ण और राधा में अंतर नहीं है राधा के अंदर ही कृष्ण हैं प्रेम में कोई अंतर नहीं है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सात दिवसीय कथा 30 अप्रैल तक चलेगी 26 अप्रैल को यहां पर दिव्य दरबार लगेगा जो सुबह 10 बजे से शुरू होगा और दोपहर 2:00 बजे तक चलेगा इस दिव्य दरबार में महाराज लोगों की अर्जी स्वीकार कर उनका पर्चा लिखेंगे जिसमें उनकी समस्या बताएंगे और समाधान भी मिलेगा.
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