सागर में खसरे की बीमारी से 5 बच्चों की मौ-त के बाद प्रशासन अलर्ट मोड़
सागर के राहतगढ़ ब्लॉक में मीजल्स यानी कि खसरा की बीमारी का ऐसा कहर देखने को मिल रहा कि पिछले 15 दिनों में 5 बच्चे काल के गाल में समा गए हैं, यहां पर हर दूसरा तीसरा बच्चा इस बीमारी की चपेट में है, राहतगढ़ के अलग-अलग वार्डो में मीजल्स का प्रकोप है यह स्थिति मुस्लिम बाहुल्य बस्ती में ज्यादा है बताया जा रहा है कि मीजल्स के टीकाकरण में चैन टूटने की वजह से यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है, लोगो को समझाईस देने सर्वे करने और पीड़ित बच्चो को देखने के लिए बीएमसी चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ तल्हा शाद, क्षेत्रीय संचालक डॉ नीना गिडियन, डॉ कुरैशी के साथ प्रभावित इलाके में पहुंचे, उन्होंने सभी से वैक्सीनेशन कराने की अपील की डॉक्टर तल्हा शाद ने बताया कि वैक्सीनेशन से कोई नुकसान नहीं होता है अगर लोगो में किसी प्रकार की भ्र्म की स्थिति है तो उसे दूर क्र अपने बच्चो को इस बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीनेशन जरुर कराये, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार हर एक बच्चे का टीकाकरण होना आवश्यक है जो बच्चे को अंडर सिक्स वर्ष दिया जाना है यह दो रोज में दिया जाता है, वैक्सीन लंबे समय तक बच्चे को मीजल्स यानी खसरा के प्रकोप से बचा लेती है, ताजा घटनाक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के द्वारा बच्चों के टीकाकरण में लापरवाही की जा रही, संक्रमण फैलने पर बच्चों में बीमारी जानलेवा रूप में डिवेलप हो गई, आग लगने पर पानी के लिए दौड़ने की तर्ज पर अब स्वास्थ्य विभाग का अमला वर्ग विशेष को वैक्सीनेशन कराने के लिए दोषी ठहरा रहा है जबकि यही काम विभाग का मैदानी अमला समय रहते एसडीएम कलेक्टर स्थानीय जनप्रतिनिधि को सूचित करके कर सकता था अब तक 5 बच्चे दम तोड़ चुके हैं और दर्जनों बच्चों की हालत बिगड़ने लगी तब विकल्प के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय की डॉक्टरों की ड्यूटी लगाकर घर-घर सर्वे का टीकाकरण किया जा रहा है,