Sagar-शादी के बाद ताने देते थे लोग, 25 साल बाद दोबारा गईं स्कूल, अब बेटी के साथ कॉलेज में पढ़ रहीं
सागर में पढाई को लेकर एक बेहद ही दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां बेटी के साथ मां कॉलेज की पढ़ाई कर रही है, मां बेटी की कॉलेज आते जोड़ी को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है,
दरअसल शासकीय मालथौन कॉलेज में हजारों विद्यार्थियों के बीच मां-बेटी भी साथ पढ़ने आती हैं। दोनों ही स्नातक में पढ़ रही हैं। बेटी जहां बीएससी कर रही है, वहीं मां बीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। 40 वर्षीय शकुन विश्वकर्मा बताती हैं कि उनका मायका खुरई तहसील के जेरूआ गांव में है। उस समय गांव में प्राइमरी तक ही स्कूल था।
ऐसे में सिर्फ 5वीं तक की ही पढ़ाई कर सकी। विवाह होकर जब ससुराल में आई तो यहां सभी लोग उच्च शिक्षित हैं। ऐसे में मेरे कम पढ़े लिखे होने को लेकर गांव-मुहल्ले से ताने दिए जाते। चूंकि मुझे पढ़ने की लालसा शुरू से ही रही। यही बात जब मैंने अपने ससुराल वालों को बताई तो वे तुरंत ही मेरी आगे की पढ़ाई के लिए मान गए और मैंने आगे की पढ़ाई शुरू की।
वे बताती हैं कि कक्षा 5वीं की पढ़ाई उन्होंने वर्ष 1992 में की थी। इसके बाद वे स्कूल नहीं गईं। वर्ष 2004 में उनका विवाह हो गया। 2017 में जब बेटी ने कक्षा 8वीं में प्रवेश लिया तभी उसी के साथ मैंने भी स्कूल जाना शुरू कर दिया। उसके बाद से लगातार पढ़ाई जारी है। स्नातक की डिग्री पूरी होने के बाद आगे भी जो पढ़ाई की जा सकेगी उसको लेकर भी पूरी तरह से सबकुछ साफ है।
शकुन बताती हैं पति गोविंद प्रसाद विश्वकर्मा और ससुर लल्लू राम विश्वकर्मा सहित पूरे परिवार का सहयोग मिला। इससे मैंने 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली। वह भी नियमित छात्रा के रूप में पढ़ते हुए। इसके बाद मैंने कॉलेज में भी एडमिशन ले लिया। अब स्नातक अंतिम वर्ष में आ गई हूं।इस दौरान सबसे अच्छी बात यह भी रही कि एक भी बार पढ़ाई में बाधा नहीं आई। जहां से पढ़ाई छोड़ी थी, उससे दोगुनी रफ्तार से आगे की पढ़ाई लगातार पूरी की।
शकुन की बेटी अनु विश्वकर्मा बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा है। वे बताती हैं कि मां पढ़ाई में होशियार हैं। वे स्वयं अपनी पढ़ाई करती हैं। कॉलेज में सिर्फ ऑनलाइन फॉर्म, फीस भरने जैसे काम कर मैं उनकी थोड़ी-बहुत मदद ही करती हूं। यहां प्रायोगिक परीक्षा के लिए बतौर एक्सपर्ट पहुंचे आर्ट्स एंंड कॉमर्स कॉलेज के डॉ. अमर कुमार जैन ने मां-बेटी को साथ में कॉलेज में पढ़ते पाया। वे कहते हैं बेटी के साथ मां भी पढ़ेगी.. यही नारी सशक्तिकरण की सच्ची और प्रेरणादायक कहानी है।