Sagar-भीषण गर्मी में 11 नदियों के जल से भोलेनाथ हुए जलमग्न, वजह जानकर हैरान रह जायँगे
वैशाख माह की पूर्णिमा पर भगवान भोलेनाथ को शिवालयों में जलमग्न किया गया है, सागर के धनेश्वर, नागेश्वर, भूतेश्वर, बाघराज, चकराघाट सहित अन्य मंदिरों में गंगा नर्मदा शिप्रा सहित अन्य नदियों के जल से जलमग्न किया है, 24 घंटे तक भगवान भोलेनाथ इसी रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे बता दें कि इन दिनों प्रचंड गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है
वैशाख में गर्मी पड़ने की वजह से भगवान भोलेनाथ पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है क्योंकि समुद्र मंथन के समय जो विष निकला था शिव जी ने उसे अपने गले में धारण कर लिया था गर्मी अधिक होने की वजह से उसी का प्रभाव भोलेनाथ पर पड़ता है भगवान भोलेनाथ को गर्मी से बचने के लिए वैशाख का महीना शुरू होते ही उन पर खड़े से जल का अर्पण शुरू किया जाता है
और वैशाख माह के अंतिम दिन यानी की पूर्णिमा पर 24 घंटे के लिए जल में किया जाता है बेल का शरबत बनाकर भोग लगाया जाता है आम के रस से अभिषेक होता है, सतुआ से भोग लगाया जाता है, भूतेश्वर भगवान का नर्मदा, गंगा और बावड़ी के जल में पांच तरह का इत्र मिलाकर जलमग्न किया है वही धनेश्वर मंदिर में 11 नदियों के जल से भोलेनाथ का अभिषेक करने के बाद श्रृंगार किया और फिर जलमग्न किया,