सागर-मिट्टी की शैंपू से सिर पर लहलहाएंगे फसल की तरह बाल,टूटना-झड़ना भी रुक सकेगा ! | sagar tv news |
बालों का झड़ना, टूटना, सफेद होना ऐसी समस्या है जो लगभग हर घर में लोगों के सिर पर सवार है. लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं. पैसे वाले लोग महंगा इलाज भी कराते हैं, लेकिन कई बार फायदा नहीं मिलता. ऐसे में सागर के एक थेरेपिस्ट का देसी जुगाड़ काफी चर्चा में है. इस थेरेपिस्ट ने मिट्टी का शैंपू तैयार किया है. उनका दावा है कि इसका लगातार प्रयोग करने से बालों की समस्याएं खत्म हो जाएंगी.
थेरेपिस्ट का दावा है कि इस शैंपू के प्रयोग से बालों का झड़ना-टूटना कम होगा, सफेद बाल काले भी हो जाएंगे. बताया कि उनके पास आने वाले लोगों को वह ये शैंपू देते हैं और इसका फायदा भी मिल रहा है. वह लोगों को ये शैंपू बनाने की विधि भी सिखाते हैं. थेरेपिस्ट का कहना है कि बाजार से खरीदे शैंपू रसायन युक्त होते हैं, जो हमारे शरीर की के लिए भी नुकसानदायक हैं. पहले के समय में पूर्वज इन्हीं देसी तरीकों को अपनाते थे, जिससे उनके बाल लंबे समय तक काले और मजबूत भी रहते थे.
बरियाघाट पर एक्यूप्रेशर चिकित्सा सेंटर संचालित करने वाले लोकनाथ मिश्रा बताते हैं कि इको फ्रेंडली शैंपू को बनाने में उन्होंने खेत की काली मिट्टी, फिटकरी, शिकाकाई रीठा, नीम पत्ती और पानी का इस्तेमाल किया है. नहाने से करीब 10 मिनट पहले सिर में इसको लगाना है. जब यह पूरी तरह से सूख जाए तो आप अच्छे से नहा लें. इसके निरंतर प्रयोग से आपको इसके प्रभाव दिखने लगेंगे, लेकिन इसमें समय लगता है. अगर आप लगातार इसका इस्तेमाल करेंगे तो यकीनन आपको फायदा मिलेगा.
लोकनाथ बताते हैं कि इस शैंपू को तैयार करने में दो अलग-अलग तरह की विधि को अपनाना पड़ता है. एक जिसमें खेत से लाकर काली मिट्टी को शुद्ध मिट्टी बनाना पड़ता है और दूसरी में जब आप इसका इस्तेमाल करते हैं तब उसमें नीम की पट्टी, शिकाकाई रीठा को उबालकर और फिर उसमें मिट्टी को मिलाकर घोल तैयार करना होता है. उसे ही शैंपू कहते हैं और उस घोल को ही शैंपू की तरह इस्तेमाल करना होता है.