सागर - दस पचास नहीं 400 तरह के आसन करते है 93 साल के योगाचार्य, करतब देखकर गुरु भी हैरान रह गए थे
21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा जिसमें लोग सामूहिक योग करते हैं प्राया प्राया लोग केवल 12 तरह के आसन के बारे में जानते हैं लेकिन योग के 84 लाख आसन होते हैं इनमें से 400 तरह के आसन सागर के प्रसिद्ध योगाचार्य विष्णु आर्य कर लेते हैं योग दिवस के मौके पर आज हम उन्हीं के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं. विष्णु आर्य बताते हैं कि गुरु दीक्षा लेने से पहले जब उन्होंने स्वामी सत्यानंद सरस्वती के सामने योग के प्रदर्शन किया तो वह भी देखकर हैरान रह गए थे इसके बाद हमें उनका शिष्य बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
वह पिछले 70 सालों से योग से जुड़े हुए हैं. विष्णु आर्य सागर में स्थित अपने योग प्रशिक्षण संस्थान निशुल्क शिविर लगाते हैं. इसमें आने वालों को अनिद्रा, सरवाईकल, साइटिका, सिर दर्द जैसी कई बीमारियों में राहत मिलती है. अब तक हजारों लोगों को इसका फायदा मिल चुका है,
आचार्य विष्णु आर्य ने भारतीय योग से जिस तरह लोगों को जोड़ा और इसके प्रचार-प्रसार को अपना मकसद बनाया, उसे लेकर भारत सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है. विष्णु आर्य को खेल मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया. यह सम्मान समारोह पिछले साल गोवा में आयोजित किया गया था, जहां आचार्य विष्णु आर्य नहीं जा पाए थे. इसलिए मंत्रालय ने यह पुरस्कार बीते दिनों उनके घर तक पहुंचा दिया है.
विष्णु आर्य बताते हैं कि बचपन में वह अखाड़े में जाते थे, जहां योग भी सिखाया जाता था. वहीं उन्होंने योग सीखा और कई तरह के आसन भी सीख लिए. बाद में वे बिहार के मुंगेर में स्थित योगाश्रम में स्वामी सत्यानंद सरस्वती के सान्निध्य में आए और उन्हें गुरु बनाकर दीक्षा ली. साल 2012 में निरंजनानंद सरस्वती से वैदिक परंपरा के अनुसार संन्यास की दीक्षा ली. इसमें उनका नामकरण स्वामी ध्यानेंद्र सरस्वती के रूप में किया गया. योगाचार्य ने बताया कि कुछ साल पहले तक योग के 400 आसन कर लेते थे. लेकिन अब ज्यादा उम्र होने की वजह से 50-60 आसन ही कर पाते हैं.