बेटी के विवाह के लिए आवेदन किया, तो पता चला 9 साल पहले सरकारी रिकार्ड में हो चुकी शादी
सामूहिक विवाह सम्मेलन से जुड़ा एक अजीबोगरीब फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। वर्ष 2015 में हिंडोरिया में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक नाबालिग बालिका की समग्र आईडी का नंबर उपयोग कर फर्जी विवाह करा दिया गया। इसका खुलासा सोमवार दोपहर उस समय हुआ जब परिजन अपनी उसी बेटी का विवाह 7 जुलाई को पथरिया में आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराने के लिए आवेदन करने पथरिया पहुंचे। जनपद सीईओ का कहना है कि ऑनलाइन बेटी की शादी होना बताया जा रहा है,
लेकिन यदि परिजन कह रहे हैं की शादी नहीं हुई है, तो हम उसकी जांच कर लेंगे। 19 साल की हो चुकी कल्लो लोधी के भाई जितेंद्र लोधी ने बताया कि मैं पथरिया के मगरधा गांव में रहता हूं। 7 जुलाई को पथरिया में सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हो रहा है। मैंने भी अपनी बहन की शादी करना तय किया है। शादी की पूरी तैयारी हो चुकी है, कार्ड भी छप चुके हैं, लेकिन जब यहां आवेदन करने पहुंचे तो पता चला कि मेरी बहन की शादी तो 2015 में हिंडोरिया में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में हो चुकी है।
मुझे लगता है कि उस समय पंचायत के सहायक अजीत सिंह थे और संभव है कि उन्होंने ही मेरी बहन के दस्तावेज लेकर ये फर्जीवाड़ा किया होगा। 9 साल पहले हिंडोरिया में उनकी बहन की समग्र आईडी सही लिखी है, केवल नाम बदल दिया गया है। युवती के चाचा सोने सिंह का कहना है कि उस समय हमारी भतीजी में 10 साल की थी जिस समय शादी होने की बात बताई जा रही है।
अब हमारी भतीजी 19 साल की हो गई है और हम उसका विवाह करने जा रहे हैं। अब पता चला है कि पोर्टल पर उसकी शादी पहले ही हो गई है। किसी ने फर्जीवाड़ा किया है, इसलिए अब हम चाहते हैं कि अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करें और हमारी भतीजी की शादी सम्मेलन से कराने में हमारी मदद करें।
आपको बता दें कि वर्ष 2015 में हिंडोरिया में एक बहुत बड़ा सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें करीब डेढ़ हजार से अधिक शादियां करने का दावा किया गया था, जबकि मौके पर इतने वैवाहिक जोड़े पहुंचे ही नहीं थे। इसके बाद पूरे विवाह सम्मेलन को लेकर फर्जीवाड़ा उजागर होने लगा और मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई।
बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले में जांच शुरू की। कुछ दिन जांच चली फिर ठंडा बस्ते में चली गई जांच में फर्जीवाड़ा भी उजागर हुआ था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते इस पूरे फर्जीवाड़े को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसी सामूहिक विवाह सम्मेलन का शिकार यह परिवार हुआ है,
जिसमें 10 साल की बच्ची की समग्र आईडी लगाकर उसके नाम पर विवाह करा दिया गया। पथरिया जनपद सीईओ मनोज कुमार गुप्ता का कहना है उन्हें भी जानकारी मिली है। समग्र आईडी पोर्टल पर डालने पर पता चलता है की युवती की शादी हो चुकी है, लेकिन यदि परिजन कह रहे हैं की शादी नहीं हुई है, तो मैं इस मामले की जांच कर लूंगा।