Sagar-Thakur ji will leave Vrindavan Bagh riding on a 160 year old chariot, elephant and horse will be included.
Sagar-वृंदावन बाग से 160 साल पुराने रथ पर सवार होकर निकलेंगे ठाकुर जी, हाथी-घोड़ा शामिल होंगे
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 7 जुलाई को सागर शहर के विभिन्न मंदिरों से भगवान जगन्नाथ और श्रीकृष्ण राधारानी संग रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर अभिषेक स्नान के बाद जगत के स्वामी की तबीयत खराब हो गई थी। जिनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है और 7 जुलाई को पूर्ण स्वस्थ्य होने के बाद शाम को बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों से भगवान भक्तों को दर्शन देने के लिए भ्रमण पर निकलेंगे। जिसके लिए शहर के विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में प्रबंध समितियों द्वारा रथयात्रा की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शहर में करीब एक दर्जन से ज्यादा रथ यात्राएं निकलती हैं।
गोपालगंज स्थित वृंदावन बाग मठ से प्राचीन परंपरागत तरीके से भगवान की रथयात्रा निकाली जाएगी। मंदिर के महंत नरहरिदास ने बताया कि इस बार रथ यात्रा में शामिल होने के लिए साधु-संतों का आगमन शुरु हो गया है। जिनकी रूकने की व्यवस्था मंदिर परिसर में की गई है। रथ यात्रा में 1 हाथी, 2 घोड़े, 1 डमरू दल, 1 बैंड पार्टी के साथ ध्वज पताकांए साथ चलेगी।
यात्रा शाम 4 बजे से शुरु होगी। गुलाब व मोगरा के फूलों से ठाकुर जी का श्रृंगार किया जाएगा। गेदें के फूलों से रथ सजेगा। यात्रा समाप्ति के बाद ठाकुर जी आरती व नजर उतारी जाएगी। मूंग की दाल, गुड एवं फलों का भोग लगाकर भक्तों में प्रसादी के रूप में वितरण होगा। वही 160 साल के इतिहास में पहली बार ठाकुर जी मंदिर में निर्माण कराये गए पथ से वापिस आएंगे, पुख्य नक्षत्र में मंगल प्रवेश करेंगे।
वही इसके अलावा इसमें से सागर का वृंदावन कहे जाने वाले बड़ा बाजार क्षेत्र से ही करीब आधा दर्जन से अधिक रथयात्रा निकलती हैं। जिसमें मुख्य रूप से रामबाग मंदिर, बिहारी जी मंदिर, श्रीदेव राधा माधवलाल गेड़ा जी मंदिर, चकराघाट स्थित धनुषधारी मंदिर, केशवगंज वार्ड स्थित राधा-कृष्ण मंदिर, वृंदावन बाग मंदिर, साहू समाज, सत्यनारायण मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों से भगवान रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं।