This is Kedarnath Dham of MP where Ganga emerges from the locks of Shiva. sagar tv news |
पहाड़ी से गिरने वाला पानी मंदिर की सीढ़ियों के सहारे तेज बहाव के साथ नीचे उतरता है, तो मानो ऐसा लगता है जैसे भगवान भोलेनाथ ने अपनी जटाएं खोल ली हैं. इन जटाओं से साक्षात गंगा मैया निकल पड़ी हों. खूबसूरत पहाड़ी और उसके बीच भगवान भोलेनाथ के मंदिर में बारिश के दिनों में शिवजी का ऐसा जलाभिषेक देख ऐसा लगता है आप केदारनाथ धाम के दर्शन कर रहे हों. लेकिन यह उत्तराखंड का केदारनाथ नहीं है,
यह अद्भुत दृश्य आपको मध्य प्रदेश में देखने को मिल सकता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड के जटाशंकर धाम की, जहां मानसून के दौरान आध्यात्मिकता के साथ इस प्राकृतिक दृश्य का नजारा लिया जा सकता है. यह स्थान छतरपुर जिले की बिजावर तहसील से करीब 15 किलोमीटर दूर है.
जटाशंकर धाम को एमपी का केदारनाथ कहा जाता है, क्योंकि यहां पहाड़ियों से आने वाला पानी सीधा जटाशंकर मंदिर में गिरता है. मंदिर में पानी का वेग इतना तेज होता है कि किसी को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जाता. मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं और दोनों ही रास्तों में चाहे आप पहाड़ी के नीचे पहुंचें या ऊपर, तेज धारा के साथ बहने वाला पानी आपको आनंदित कर देगा. यहां पहुंचने वाले सैकड़ों शिवभक्त इन सीढ़ियों पर खड़े होकर फोटो खींचते हुए सेल्फी लेते हुए नजर आते हैं.
बारिश होने के बाद जब इस मंदिर की सीढ़ियों पर पानी बहता है तो इसे जटाशंकर धाम का झरना भी कहते हैं. यही वजह है कि बारिश के मौसम में यहां घूमने आने वालों की संख्या बढ़ जाती है. इस मौसम में बुंदेलखंड इलाके के खूबसूरत जंगल, हरी-भरी वादियां, पहाड़-झरना मनोरम हो जाते हैं. इसी दौरान प्रसिद्ध जटाशंकर मंदिर के पास मेला भी लगता है. यह संस्कृति पर्यटन आस्था से जुड़ा एक बेहद ही दिव्य स्थान है.