Sagar - The health of the young man deteriorated as soon as the doctor gave him the injection, the son stopped breathing in front of his mother.
सागर के मकरोनिया मेंआर्युवेद डॉक्टर के इलाज करने से एक युवक की जान चली गई, आरोप है कि घटना से कुछ देर पहले ही डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया था फिर अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और दम तोड़ दिया, मुकेश खत्री एमबीबीएस बेटे की डिग्री पर एलोपैथी से इलाज कर रहे थे,
बहेरिया निवासी कल्लो बाई ने बताया कि उनका बेटा पुष्पेंद्र घर आया और सीने में दर्द होने की शिकायत बताने लगा। मैं उसका इलाज कराने के लिए सागर-झांसी रोड पर डॉ. मुकेश खत्री के क्लीनिक पर पहुंची। यहां डॉ. खत्री के अलावा अन्य व्यक्ति बैठा था। पुष्पेंद्र स्वयं बाइक चलाकर बहेरिया से डॉ. खत्री के अस्पताल पहुंचा था। डॉ. खत्री ने बीपी चैक करने के बाद दवा व इंजेक्शन लिखकर दिए। मैंने लाकर दी तो डॉ. मुकेश खत्री ने उसे इंजेक्शन लगाया और थोड़ी देर बाद पूछा कि अब कैसी तबीयत है। इसके बाद बोला कि लेटो नहीं घूमकर आओ बाहर। बेटा कुछ देर बाहर घूमने के बाद वापस लौटा तो उसे हिचकियां आने लगीं। मुंह से झाग निकलने लगा। डॉ. खत्री उसका सीना दबाने लगे और ऑटो लेकर आने के लिए कहा। बेटे को कुछ दवा पिलाई लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं आया। मैंने पूछा तो बोले बेटे के सीने में दर्द हो रहा है। डॉ. विक्रम जैन के यहां ले जाओ। खुद ही ऑटो बुला दिया और बेटे को उसमें लेटा दिया। हम लोग डॉ. विक्रम जैन के पास पहुंचे तो उन्होंने मृत घोषित कर दिया। वापस डॉ. खत्री के पास गए तो वे झगड़ने लगे।
कल्लो बाई ने बताया कि मैं और भाई यशपाल पुष्पेंद्र को लेकर रिपोर्ट लिखाने मकरोनिया थाने पहुंचे तो पुलिस ने बेटे को जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा। जिला अस्पताल में भी डॉक्टरों ने बेटे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद थाने पहुंचे तब पुलिस ने मर्ग दर्ज किया है।