राजा का तोर गांव के ग्रामीणों ने नंदी (सांड) का पूर्ण विधि विधान से किया अंतिम संस्कार sagar tv news
राजा का तोर गांव के ग्रामीणों ने गौवंश नंदी (सांड) का पूर्ण विधि विधान से किया अंतिम संस्कार , प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर परिसर में नंदी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कर ब्राह्मण भोज के साथ किया विशाल भंडारे का आयोजन , एमपी के मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के राजा का तोर गांव में 13 सितंबर को गौवंश एक नंदी (सांड ) ने अपने प्राण त्याग दिए जिसका ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार पूरी श्रद्धा और पूर्ण विधि विधान से किया गया , वही आज 27 सितंबर शुक्रवार को राजा के तोर गांव में एक अनूठा आयोजन हुआ।
गांव के गौवंश नंदी (सांड) की मौत के 15वें दिन ब्राह्मण भाेज हुए, जिसमें आसपास के लगभग 30 से अधिक गांवों के लोग शामिल हुए। इस नंदी के प्रति ग्रामीणों की आस्था का अनुमान आप इसी से लगा सकते है , कि गौवंश नंदी (सांड ) की याद में गांव के सबसे प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर परिसर में उसकी प्रतिमा लगवाई गई है। जानकारी के अनुसार बता दे , कि राजा का तोर गांव के लोगाें ने क्षेत्र के एक साधू संत की याद में 18 साल पहले गांव में गौवंश एक बछड़ा छोड़ा, जो बड़ा होकर गौवंश नंदी (सांड ) बना।
इस नंदी (सांड) को किसी भी खूंटे से नहीं बांधा जाता था, और न हीं किसी एक व्यक्ति का इस पर अधिकार था। नंदी के लिए गांव के हर घर में दो रोटी अलग बनतीं। प्रतिदिन सुबह से ही यह नंदी हर घर के दरवाजे पर खड़ा हो जाता, जहां से रोटी खाने के बाद दूसरे घर की ओर चला जाता। बीमार होने के बाद इस नंदी ने 13 सितंबर काे प्राण त्याग दिए, जिसका अंतिम संस्कार पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से किया गया।
शुक्रवार को नंदी की याद में ब्राह्मण भोज किया गया। राजस्थान के जयपुर में नंदी की प्रतिमा बनवाई गई, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा शुक्रवार को ब्राह्मण भोज से पहले राजा का तोर गांव के प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर परिसर में चबूतरा बनवाकर की गई। इसके बाद शुरू हुए भण्डारे में राजा का तोर , रहूगांव संतोषपुर, गुर्जा, गुलालई व कुटरावली , सहित करीब 30 से अधिक गांव के लोग शामिल हुए।