Sagar-ऑनलाइन फ्रॉड में गायब पैसे बैंक को लौटाना होगी, यह फैसला नजीर बनेगा
Sagar-ऑनलाइन फ्रॉड में गायब पैसे बैंक को लौटाना होगी, यह फैसला नजीर बनेगा
साइबर ठगी की बढ़ते अपराध के बीच सागर जिला उपभोक्ता फोरम का यह फैसला नजीर बन सकता है। एक मामले में फोरम ने ग्रीन चैनल सिस्टम और एटीएम मशीन से धोखाधड़ी कर खाते से निकाले गए 3 लाख 83 हजार 56 रुपए 6 प्रतिशत सालाना ब्याज सहित 2 माह में देने का आदेश संबंधित बैंक को दिया है। आरबीआई की 6 जुलाई 2017 गाइडलाइन को आधार बनाया गया है, जिसके मुताबिक़ अनाधिकृत इलेक्ट्रानिक लेनदेन की तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर बैंक को तत्काल एक्शन लेना चाहिए लेकिन बैंक ने ऐसा नहीं किया,
बैंक की सेवा में कमी मानते हुए आवेदक को 25 हजार रुपए क्षतिपूर्ति व 2 हजार रुपए वाद-व्यय भी देने को भी कहा है। फोरम ने आदेश में उल्लेख किया है कि आवेदक 85 वर्षीय पेंशनर है। उसकी अवस्था को देखते हुए बैंक द्वारा उसे हर स्तर पर सहायता दी जानी चाहिए थी। जिन खातों में उसका पैसा ट्रांसफर हुआ, उन्हें होल्ड कराना था, लेकिन बैंक इसमें पूर्णत: असफल रहा है।
उपभोक्ता फोरम में केस लगाने वाले एडवोकेट पवन नन्होरिया बताया कि मेरे मुवक्किल हरिराम गौर पटनाबुजुर्ग रहली का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रहली शाखा में खाता है. जिसमें उनके 1 अक्टूबर 2019 तक 3.83 लाख रु. जमा थे. 10 दिन बाद उन्होंने 21 अक्टूबर को पासबुक में लेन-देन की इंट्री कराई तो में मात्र 383 रु. खाते में मात्र 38 निकले, उन्होंने कहा कि आप ने ग्रीन चैनल काउंटर से ये राशि स्वयं निकाली है, जबकि पास बुक के अनुसार दिल्ली निवासी किसी मुकेश गौड और रेवाबाई ज्वालापुरी ने यह राशि कभी जीसीसी तो कभी एटीएम के जरिए खाते से निकाली थी. पक्षकार गौर ने इस बारे में स्थानीय पुलिस थाने में धोखाधड़ी का केस भी दर्ज कराया, इसके बावजूद बैंक द्वारा कोई सहयोग नहीं करने और राशि की प्रतिपूर्ति नहीं करने पर उन्होंने आयोग की शरण ली थी.