Sagar- सोना मोती गेहूं बदलेगा किसानों की किस्मत, प्रति एकड़ 25 क्विंटल का उत्पादन, मुनाफा 4 गुना
सोयाबीन मक्का की कटाई होने के बाद किसान रवि की फसल की तैयारी में जुट गए हैं इसमें गेहूं चना मसूर और अलसी की खेती की जाती है सागर सहित पूरे बुंदेलखंड में किसान गेहूं और चना की बुवाई करने के लिए तैयार हैं, वैसे तो यहां का शरबती गेहूं देश और दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन इन दिनों गेहूं की एक ऐसी किस्म की चर्चा चल रही है. जिसके बारे में कहा जाता है कि यह किस्म हड़प्पा संस्कृति से जुड़ी हुई है. हड़प्पा काल में किसान गेहूं की सोना मोती किस्म की खेती करते थे. इस गेहूं की खासियत है कि किसानों को मालामाल कर देती है. खाने वालों को सेहत की तरफ से खुशहाल कर देती है. खासकर डायबिटीज और शुगर के मरीजों के लिए इसे काफी बेहतर माना जाता है, क्योंकि इसमें जीरो % शुगर होती है.
बाजार में सोना मोती गेहूं की कीमत 4000 से 8000 तक बड़े आराम से मिल जाती है, 18 से 22 क्विंटल तक गेहूं का उत्पादन प्रति एकड़ खेती से होता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा
प्रगतिशील युवा किसान आकाश चौरसिया बताते हैं कि गेहूं की ये किस्म विशेष रूप से भारतीय नस्ल की है. इसका इतिहास हड़प्पा संस्कृति से जुड़ा हुआ है. ये भारत की वो मूल प्रजाति है, जो कहीं ना कहीं रोग व्याधियों को दूर करने के लिए ये अहम भूमिका निभाती है. किसानों के लिए ये बहुत अच्छी प्रजाति है, क्योंकि दूसरी किस्म के अलावा इस किस्म के गेहूं की अच्छी कीमत मिलती है. हम कई सालों से इस पर काम कर रहे हैं.किसान आकाश चौरसिया बताते हैं कि सोना मोती किस्म के गेहूं का दाना अलग तरह का होता है. इसका दाना गेहूं की दूसरी किस्मों के मुकाबले गोल होता है. एक एकड़ में 25 किलो बीज की मात्रा लगती है और पौधे की ऊंचाई भी कम होती है. इसकी ऊंचाई जमीन से करीब दो फीट होती है. ऊंचाई कम होने के कारण आंधी, तूफान और बारिश में भी इसकी बालियां टूटकर जमीन पर नहीं गिरती है.
सोना-मोती किस्म के गेहूं की बुवाई का सही समय 20 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक होता है. बुवाई के पहले खेत की तैयारी के लिए किसान खेत को ट्रीट करें. इसके लिए 100 किलो चूने का पावडर और 50 किलो नीम का पावडर डालकर करीब 10 दिन तक खेत को खाली छोडें. खेत में नाइट्रोजन और बाकी तत्वों की पूर्ति के लिए दो टन प्रति एकड़ के हिसाब से फास्फो कंपोज और 5 ट्राली प्रति एकड़ गोबर की खाद डालने के बाद बीजोपचार कर किसान सोना मोती किस्म की बुवाई करें.