सागर आए थे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, 400 साल पुराने किले में सहेजकर रखी है उनकी ये खास चीज
सागर की पुलिस अकादमी में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह सहेजकर रखे गए हैं. चाचा नेहरू का जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसलिए आज हम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा 72 साल पहले किए गए सागर दौरे को याद कर रहे हैं, पंडित नेहरू ने 400 साल पुराने किले में संचालित होने वाले पुलिस महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया था जवाहरलाल नेहरू ने 30 अक्टूबर 1952 को उप निरीक्षकों के प्रशिक्षण के बाद होने वाले दीक्षांत समारोह की सलामी ली थी, इसके बाद पुलिस महाविद्यालय का नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी कर दिया गया था इस अकादमी में नेहरू से जुड़ी हुई कई दुर्लभ चीजें आज भी रखी हुई है,
यहां उनके पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह संभाल कर म्यूजियम में रखे गए हैं. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री का निधन होने पर जब देश भर में अस्थि कलश घुमाये जा रहे थे, तो वह बुंदेलखंड भी आए थे वह छोटे बड़े कलश आज भी इस म्यूजियम का हिस्सा है.
दरअसल 14 फरवरी 1962 को प्रधानमंत्री सतना आए थे. जहां पर उनके पद चिन्ह और अंगुल चिन्ह लिए गए थे पूरे मध्य प्रदेश में यही एकमात्र म्यूजियम था जिसके चलते सहेजने के लिए सागर भेजा गया था तब से लेकर आज तक यहां पर रखे हुए.
दरअसल सागर की खूबसूरत लाखा बंजारा झील के किनारे 400 साल पुराना किला है. जिसमें अंग्रेजी शासन काल 1906 में यहां पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना की गई थी. इसके बाद इसे महाविद्यालय का दर्जा मिला और अलग-अलग स्टेट के पुलिसकर्मी पुलिस अधिकारी यहां ट्रेनिंग लेने के लिए भेजे जाते थे. आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू 1952 में यहां पहुंचे थे. उस समय की तस्वीर भी इस म्यूजियम में रखी हुई है
पुलिस अकादमी में पदस्थ सीनियर निरीक्षक हरीश दुबे बताते हैं कि दांगी राजाओं और मराठाओं ने इस किले को बनवाया था लेकिन जब यह अंग्रेजो के अधीन आया तो उन्होंने पुलिस शाला के रूप में इसका निर्माण किया था. और जो प्रधानमंत्री आए थे तो उसके बाद नाम जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई थी उनसे जुड़ी बहुत सी चीज रखी है.