निगम चुनाव को लेकर भ्रम की स्थिति || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
नगर निगम चुनाव को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं, दूसरी तरफ प्रदेश के नगर निगमों में महापौर और नगरपालिकाओं में अध्यक्ष पद का आरक्षण कब होगा, यही तय नहीं है। इसके आरक्षण के बाद ही आयोग चुनाव कार्यक्रम घोषित कर सकता है। प्रदेश के नगरीय निकायों में मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। 16 दिसंबर तक यह पूरा हो जाएगा।नियमानुसार जिस वर्ष में मतदाता सूची तैयार होती है, उसी वर्ष में चुनाव होना चाहिए। यदि 31 दिसंबर से पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ तो मतदाता सूची का काम दोबारा करना होगा। ऐसी स्थिति में 1 जनवरी 2021 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वालों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल करना होंगे ।जानकार बताते हैं कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है। ऐसी स्थिति में दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के प्रथम सप्ताह के बीच मतदान हो सकता है। नगरीय आवास एवं विकास विभाग ने महापौर व नपाध्यक्ष के आरक्षण का कार्यक्रम बनाया था। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व विभागीय मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण इस पर निर्णय नहीं हो सका। वही ऐसे भी कयास लगाए जा रहे है की प्रदेश के शहरों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को आधार बना कर भी नगरीय निकाय चुनाव टाले जा सकते हैं। हालांकि कोरोना के बीच में ही विधानसभा उपचुनाव हो चुके हैं। वही दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है की नगरीय निकाय चुनाव के लिए उनकी तैयारी पूरी है। राज्य शासन आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर दे तो हम तत्काल चुनाव करा सकते हैं।