नवजात बच्चे के बदले जाने का मामला में डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल | sagar tv news
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक चौंका देने वाली घटना घटी है, जब जिला अस्पताल में एक नवजात बच्चे के बदले जाने का मामला सामने आया। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है और अब इस मामले में घमासान मच गया है। रात के 3-4 बजे के बीच, रेश्मा और मुबतसीरा नामक दो महिलाओं ने एक ही अस्पताल में कुछ अन्तराल में बच्चों को जन्म दिया था। जबकि मुबतसीरा की नवजात बेटी की हालत गंभीर थी, दोनों नवजातों को SNCU (Special Newborn Care Unit) वार्ड में भर्ती किया गया था।
मामला तब सामने आया जब एक नवजात की हालत में सुधर हुआ और परिजनों को देने के बारी आई तो रेश्मा के परिवार वालो को कुछ गड़बड़ी का शक हुआ। असल में, मुबतसीरा को रेश्मा का बेटा दे दिया गया था, और रेश्मा को मुबतसीरा का बच्चा सौंपा गया था।जब यह गलती सामने आई, तो आनन-फानन में बच्चों का आदान-प्रदान किया गया, लेकिन इसने कई सवाल खड़े कर दिए। SNCU प्रभारी डॉ. अमोल पवार की लापरवाही इस मामले में उजागर हुई है।
इस पूरे मामले में विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव अजय रघुवंशी ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रघुवंशी ने कहा कि अस्पताल में बच्चों के बदले जाने का एक बड़ा रैकेट चल रहा है। इस घटना के बाद, अस्पताल के आरएमओ (रिजनल मेडिकल ऑफिसर) डॉ. भूपेन्द्र गौर ने लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और स्टाफ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा, यह घटना बेहद गंभीर है और हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे लापरवाह व्यवहार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना ने बुरहानपुर जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य सेवा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब दोनों परिवार न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने की मांग कर रहे हैं।