सागर- चैत्र नवरात्रि में लगेगा 64 योगिनी धाम पनारी में मेला, विशालकाय वटवृक्ष है आस्था और पर्यटन का केंद्र
सागर जिले की देवरी जनपद क्षेत्र के अंतर्गत एनएच-44 पर ग्राम महाराजपुर से 2 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत पनारी में एक अद्वितीय विशालकाय वटवृक्ष यानि बरगद का पेड़ जो लगभग चार-पांच एकड़ में फैला हुआ है। जिसमें हजारों शाखाएं निकली हुई है। इसे भी लोग माता का स्वरूप मानते हैं और उसकी पूजा करते हैं। इस वटवृक्ष के नीचे 64 योगिनी धाम बसा हुआ है, जहां पर माता अनेक स्वरूपों में विराजमान है। मनोकामना पूरी होने पर मां को घंटा चढ़ाकर वटवृक्ष की डाली पर बांधकर मन्नत पूरी होने की निशानी छोड़ते हैं। वहां पर बट वृक्ष की शाखाओं में हजारों की संख्या में छोटे-बड़े सभी तरह के घंटों का बंधा होना भी आकर्षण का केंद्र है। श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार दान तथा भंडारा भी करते हैं। धार्मिक उत्सव जैसे होली, दिवाली, रक्षाबंधन, नव वर्ष, संक्रांति पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यहां पर लोग शादी विवाह, जन्मदिन और अन्य उत्सव भी मानते हैं। 64 योगिनी धाम परिसर में सामुदायिक भवन शौचालय एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्थाएं सुसज्जित हैं। पूर्व में यहां पर कई वर्षों तक लगातार 64 योगिनी यानि 64 हवन कुंड का निर्माण कर वार्षिक यज्ञ का आयोजन किया जाता था। नवरात्रि पर साल में दो-तीन बार श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ भी देखी जाती है। नवरात्रि में 64 योगिनी धाम में मेले का आयोजन होता है। स्थानीय क्षेत्र की महिलाएं और बच्चे नवरात्रि के समय मां 64 योगिनी धाम में कई किलोमीटर पैदल चलकर जल समर्पित कर पूजन-अर्चन करते हैं और मन्नत मांगते हैं। बट वृक्ष कितना पुराना है यह कोई नहीं बता सकता। 64 योगिनी धाम का पूजन-अर्चन और धाम की व्यवस्थाएं पंडित श्री द्वारका प्रसाद जी वैध जी के सानिध्य में पंडित श्री उमाकांत वैध द्वारा की जा रही है। वैध परिवार द्वारा पूजन अर्चन आदि कार्य कई पीढियां से किया जा रहा है। शासन प्रशासन द्वारा पर्यटक और सिद्ध धर्म क्षेत्र को नजरअंदाज करने के कारण 64 योगिनी धाम में विकास तो नहीं हुआ।