Sagar- डॉक्टर ने 17 दिन के बच्चे की बताई ऐसी रिपोर्ट..कांप गए पिता, फिर दिमाग लगाया तो....
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 18 महीने की सौम्या की मौत के बाद भी अस्पताल में लापरवाही का सिलसिला जारी है. हाल ही में 17 दिन के बच्चे के मामले में भी बड़ी चूक सामने आई है. बच्चे के पिता को गलत रिपोर्ट दी गई, जिसमें बच्ची को मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार) बताया गया था, जबकि वह रिपोर्ट किसी और मरीज की थी.
बच्चे के पिता ने ओपीडी नंबर जांचा और गलती पकड़ ली. तुरंत ही अस्पताल की सेंट्रल पैथोलॉजी लैब में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद नई रिपोर्ट में बच्ची को स्वस्थ बताया गया. अगर पिता समय पर यह गलती नहीं पकड़ते तो बच्ची की जान पर बन आती. दिमागी बुखार का मरीज समझकर उसका इलाज शुरू हो जाता तो उसके लिए खतरा होता.
दरअसल, लैब से होने वाली जांच रिपोर्ट को लेकर डॉक्टर और स्टाफ कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इस मामले से लगाया जा सकता है. बीएमसी में गोपालगंज निवासी अजय कुशवाहा की पत्नी नेहा कुशवाहा की डिलीवरी के बाद 17 दिन के बच्चे की पैथोलॉजी जांच सेंट्रल पैथोलॉजी विभाग में की गई थी. डिस्चार्ज के बाद भी बच्ची की रिपोर्ट पाने के लिए पिता को काफी चक्कर काटने पड़े. वह रिपोर्ट गलत निकली.
यह पहली बार नहीं है, जब BMC में इस तरह की लापरवाही सामने आई हो. पिछले कुछ महीनों में कई बार गलत रिपोर्ट, इलाज में देरी और लापरवाह स्टाफ को लेकर मरीजों और उनके परिजनों ने सवाल उठाए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते ऐसी लापरवाहियों पर रोक नहीं लगी, तो यह किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के सुप्रीटेंडेंट डॉ. राजेश जैन से इस मामले में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा, आप जिस बारे में बता रहे हैं, उसकी जानकारी मुझे नहीं है. आप रिपोर्ट मुझे भेजिए. उसे देखने के बाद ही मैं कुछ कह सकूंगा.