चपरासी ने जांच दी BA की कॉपी, नोडल और प्राचार्य निलंबित, मंत्री विश्वास कैलाश सारंग बोले...
मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां चपरासी पन्नालाल पठारिया द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। इस मामले में दो महीने बाद हुई विभागीय कार्रवाई में प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर राकेश वर्मा और प्रोफेसर डॉक्टर रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया गया है।
31 जनवरी को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि कॉलेज में पदस्थ चपरासी पन्नालाल पठारिया कॉपियां जांच रहा है। इस पर कॉलेज के विद्यार्थियों ने आपत्ति जताई और प्राचार्य राकेश वर्मा के पास पहुंचे। प्राचार्य ने मामले की जांच की बात कही, लेकिन छात्रों ने स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की।
जांच समिति ने 3 अप्रैल को प्रस्तुत रिपोर्ट में मूल्यांकन कार्य में हुई गंभीर लापरवाही और अनियमितता के लिए प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर वर्मा और प्रोफेसर डॉक्टर पटेल को जिम्मेदार ठहराया। दोनों अधिकारियों को मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, भोपाल नर्मदापुरम संभाग कार्यालय निर्धारित किया गया है।
उच्च शिक्षा विभाग ने भले ही प्राचार्य डॉक्टर राकेश वर्मा और राजनीति शास्त्र प्राध्यापक डॉक्टर रामगुलाम पटेल को निलंबित कर दिया हो, लेकिन मामले की अन्य कड़ियों में अतिथि विद्वान खुशबू पगारे, चपरासी पन्नालाल पठारिया और बिचौलिया की भूमिका निभाने वाले बुक लिफ्टर राकेश कुमार मेहर के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जांच में पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
भोपाल नर्मदापुरम जिले के पिपरिया में स्थित शासकीय पीजी यूनिवर्सिटी की कॉपियां चपरासी द्वारा जांचने के मामले पर मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा, प्रकरण संग्यान में आया है, निश्चित रूप से यह अक्षम्य अपराध है। मंत्री सारंग ने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को सस्पेंड किया है। मामले में शामिल प्रोफेसर और चपरासी पर भी कार्रवाई की गई है। इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो इसके भी निर्देश दिए गए हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं, एक प्रकरण सामने आया है जो कि दुर्भाग्य और अक्षम्य है, इसे सहन नहीं किया जाएगा। मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।