सागर-स्व.पति को कोरोना योद्धा का नहीं मिला दर्जा तो परिजनों ने प्रशासन को लौटाए प्रशस्ति पत्र ||
सागर के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ कर्मचारी की मौत के बाद कोरोना योद्धा का दर्जा न मिलने से नाराज़ उनकी पत्नी ने सिटी मजिस्ट्रेट को प्रशस्ति पात्र लौटा दिया है। दरअसल कुछ महीने पहले स्वास्थ्य विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर पदस्थ संविदा कर्मी भीष्म दुबे का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। जिसके बाद उनके परिजनों ने प्रशासन से उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा दिए जाने की मांग की थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिसके बाद मंगलवार को मृतक के परिजनों ने तत्कालीन कलेक्टर और वर्तमान कलेक्टर द्वारा दिए गए प्रशस्ति पत्र को प्रशासन को वापस कर दिया। स्व. भीष्म दुबे की पत्नी अर्चना दुबे के मुताबिक कोरोना काल में उनके पति ने 18 से 20 घंटे एंट्री करने का काम किया और मानसिक प्रताड़ना के चलते हार्ट अटैक आने से उनकी अचानक मौत हुई थी। कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने पर तत्कालीन कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक और वर्तमान कलेक्टर दीपक सिंह ने प्रशस्ति पत्र से उनको सम्मानित भी किया था। लेकिन मौत होने के बाद कोरोना योद्धा को मिलने वाली राशि से उन्हें वंचित कर दिया। वहीँ इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट सीएल वर्मा का कहना है। कि शासन की गाइड लाइन के मुताबिक जो भी उचित होगा वह दिवंगत कर्मचारी के परिजनों को मिलेगा। जो प्रशस्ति पत्र मृतक की पत्नी ने दिए हैं वो शासन के समक्ष रखेंगे। आगे जो भी शासन तय करेगा उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।