Sagar - कबाड़ में पड़ी थी रॉड जैसी चीज, गूगल पर सर्च किया तो कीमत देख उड़े होश, जानें | sagar tv news
जब उन्होंने इसके उपयोग के बारे में पता किया, तो मालूम हुआ कि यह उपकरण प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों की जान बचाने के काम आता था. जब किसी के हाथ या पैर में फ्रैक्चर हो जाता था, तब इस रिंग नुमा स्प्रिंट को उसके पांव या हाथ में डाला जाता था और फिर स्टील वाले फ्रेम से उसे स्थिर कर पट्टियां बांध दी जाती थीं. 1918 में हुए प्रथम विश्व युद्ध और 1939 में हुए द्वितीय विश्व युद्ध के समय इस उपकरण ने लाखों सैनिकों की जान बचाई थी.