सागर में अवैध सागौन के खजाने का खुला राज, अधिकारी भी देखकर दंग..
सागौन की तस्करी का बड़ा अड्डा सागर में उजागर हुआ है। बैतूल से तस्करी कर लाई गई उम्दा किस्म की सागौन एक दो नहीं बल्कि 60 घन मीटर से अधिक लकड़ी बैतूल-सागर की टीम ने जप्त की है। जिसकी कीमत 40 लाख रुपए बताई जा रही है
बैतूल वन विभाग की टीम ने जब कुख्यात आरोपी को अक्टूबर 2024 में एक ट्रक अवैध सागौन की लकड़ी पकड़ी थी। उस दौरान कुख्यात आरोपी राजू वाडिया मौके से फरार हो गया। जिसे बाद में पकड़ा गया। जिसमें पता चला कि इस मामले में अकेले वह नहीं बल्कि अन्य 15 आरोपी और है। जिन्हें एक एक करके पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान बैतूल बन विभाग की टीम ऐसे कई राज मिले जिसे सुन अधिकारी दंग रह गए
जिसमें आरोपी ने सागर में अवैध सागौन लकड़ी के खजाने का पूरा राज खोल दिया। इस राज को पता करने में बैतूल वन विभाग को 7 माह लग गए। उसके मोबाईल की जब कॉल डिटेल खंगाली गई तब अधिकतर कॉल डिटेल की कनेक्शन सागर से जुड़े मिले। पूरी जानकारी एकत्रित करने के बाद बैतूल वन विभाग की टीम ने कार्यवाही के पूर्व सागर में डेरा डाला।
फिर शुक्रवार-शनिवार को बैतूल वन टीम ने जब अपनी पूरी रैकी कर ली इसके बाद टीम सागर मुख्य वन संरक्षक के यहां पहुंची। उन्हें पूरी जानकारी से अवगत कराया। इसके बाद सागर सीसीएफ रिपुदमन सिंह भदौरिया ने उत्तर, दक्षिण वन मंडल सहित उड़न दस्ता की टीम को रविवार के दिन कार्यवाही के लिए मोतीनगर चौराहा के पास स्थित कुंजबिहारी मिश्रा सॉ मिल और श्रीकृष्ण सॉ मिल रवाना किया गया था यहां तीन दिन तक कार्रवाई चलती रही इसके बाद यह लकड़ी मिली,
बैतूल से आई टीम ने सागौन की अवैध तस्करी से जुड़े करीब 3 ट्रक सागौन होने का दावा किया। इस बीच टाल मालिक से दस्तावेज मांगे गए लेकिन वह मौके से गायब हो गया। तब वन विभाग की टीम ने मामले की गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही शुरू की। रविवार से शुरू हुई कार्यवाही मंगलवार तक चली। जिसमें करीब 60 घन मीटर अवैध चिरान सागौन जप्त करने की कार्यवाही की गई। साथ ही यहां संचालित 2 आरा मशीन सील कर प्रबंधक श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया है
बैतूल उत्तर वन मंडल अधिकारी नवीन गर्ग ने बताया लकड़ी चोरी के मामले में पकड़े गए कुख्यात आरोपी राजू वाडिवा सहित पकड़े गए 16 आरोपियों ने पूछताछ में सागर में अवैध सागौन संग्रह होने की जानकारी दी थी। वाडिवा के खिलाफ 40 से अधिक मामले दर्ज है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि अवैध सागौन लकड़ी बैतूल के अलावा और कहां कहां से सांगर में संग्रह की गई।