सागर नगर निगम कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन, मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
सागर नगर निगम परिसर में सोमवार को नगर निगम/नगर पालिका कर्मचारी संघ, सफाई कामगार संघ, कर्मचारी कल्याण संघ, और अन्य कई यूनियनों के संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का मुख्य कारण शासन के आदेशों की अवहेलना, विशेषकर सेडमेप कर्मचारी सुनील सिंह बघेल की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त होने के बावजूद कार्यमुक्त न किया जाना, तथा कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर की गई पिछली समझौतों पर अमल न होना रहा। कर्मचारी संगठनों की मुख्य मांगें थी। बघेल को कार्यमुक्त किया जाए – शासन की अवधि समाप्त होने के बावजूद नगर निगम से रिलीव नहीं किया गया है।
समय पर वेतन भुगतान – नियमित कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को भुगतान में देरी। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उपादान राशि का एकमुश्त भुगतान। 7 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान, जिसकी शासन से स्वीकृति हो चुकी है। महंगाई भत्ते का बकाया एरियर भुगतान – वर्ष 2023 की 2 और 2024 की 4 किश्तें लंबित। दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किया जाए – 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं।
क्रमोन्नति वेतनमान के एरियर का तत्काल भुगतान। दोपहर 12 से 2 बजे तक कलम बंद – काम बंद आंदोलन कर नारेबाजी और आक्रोश जताया गया। प्रदर्शन के अंत में संजय अग्रवाल प्रकाश विभाग को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। आंदोलन अगले दिन भी जारी रहेगा – सभी कर्मचारी नवीन बिल्डिंग में दोपहर 12 बजे एकत्र होंगे। संगठन पदाधिकारियों ने क्या कहा का कहना है। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। कर्मचारी अपनी गरिमा के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं और वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
विजय दुबे, आनंद मंगल गुरु, सईद उद्दीन कुरैशी, वर्षा समद, हरेन्द्र खटीक, संजय तिवारी, सुदेश सनकत, सुरेन्द्र महावत, कमलेश डागोर, नीता वर्मा, गुलाब करोसिया, कुलदीप बाल्मीकि, और अन्य सैकड़ों कर्मचारी। नगर निगम प्रशासन की निष्क्रियता और वादाखिलाफी से नाराज कर्मचारी संगठनों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। शासन और प्रशासन को अब तत्काल हस्तक्षेप कर समाधान निकालना होगा, वरना आने वाले दिनों में नगर निगम की कार्यप्रणाली पूरी तरह ठप हो सकती है।