Sagar- कैसे पता चलता है कितना बरसा पानी? मौसम वैज्ञानिक से जान लीजिए बारिश मापने का सही तरीका
मानसून का सीजन है. मध्यप्रदेश के कुछ जिले में तो बदरा कुछ ज्यादा ही बरस रहे हैं. कई जगहों पर बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. जुलाई में बारिश कई जिले में अपने पिछले रिकॉर्ड तोड़ रही. बारिश को आखिर नापते कैसे हैं, जिससे पता लगता है कि इतनी बारिश हुई. क्या आपने कभी समझने की कोशिश की कि बारिश को मापते कैसे हैं. किसी स्थान पर होने वाली बारिश को मापने के लिए जिस यंत्र को काम में लाया जाता है, उसे वर्षामापी कहते हैं. संसार के सभी देशों में वहां का मौसम विभाग बारिश का रिकॉर्ड रखने के लिए जगह जगह वर्षामापी यंत्र लगाता है, जिससे बारिश को इंचों या मिलीमीटर में नापा जाता है.
सागर के प्रभारी अधिकारी मौसम विज्ञानी ए विवेक छलोत्रे बताते हैं कि वर्षा को मापने के लिए पूरे विश्व में एक ही तरह का उपकरण इस्तेमाल किया जाता है. वर्तमान समय में तीन तरह से वर्षा को मापा जाता है. इसमें एक साधारण वर्षा मापी यंत्र (ordinary rain gauge), दूसरा स्वचालित वर्षामापी यंत्र (self recording rain gauge) और तीसरा ऑटोमेटिक वर्षा मापी यंत्र टिपिंग बकेट रेन गेज है. बारिश को रिकॉर्ड करने के लिए इन्हीं इंस्ट्रूमेंट का उपयोग किया जाता है.