प्लेटफॉर्म पर भटके बालक को सागर पुलिस और RPF की तत्परता से मिलाया परिजनों से
विदिशा / सागर- रेलवे प्लेटफॉर्म पर घबराया हुआ बच्चा, सीमित जानकारी, भारी भीड़ और तेज़ रफ्तार जिंदगी के बीच कहीं खो जाने का डर। मगर RPF विदिशा और सागर पुलिस की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने इस कहानी का सुखद अंत कर दिया।
घटना का पूरा विवरण दिनांक 8 जुलाई को आरपीएफ विदिशा स्टेशन पर तैनात ASI मुकेश कुमार और आरक्षक इंदर यादव गश्त के दौरान प्लेटफॉर्म क्रमांक 01 पर एक अकेले, डरे-सहमे बालक को देख ठिठक गए। पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम तो सही बताया, लेकिन घर का पता और परिजनों का नंबर नहीं बता सका। बस इतना कहा कि वह सागर जिले का रहने वाला है और गलती से ट्रेन में चढ़कर विदिशा पहुंच गया।
सूचना से लेकर रेस्क्यू तक की लंबी कवायद बच्चे की स्थिति को देखते हुए आरपीएफ विदिशा ने तत्काल थाना प्रभारी गोपालगंज सागर, श्री राजेंद्र सिंह कुशवाह के माध्यम से सागर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। यहां पर तैनात उप निरीक्षक (रेडियो) श्री आर.के.एस. चौहान ने बड़े धैर्य से बच्चे से संवाद किया। सीमित जानकारी— वार्ड क्रमांक 5—के आधार पर अनुमान लगाया कि बच्चा संभवत: थाना सानोधा क्षेत्र अंतर्गत गणेशगंज का निवासी हो सकता है।
मिनी सर्च ऑपरेशन की तरह चली खोज थाना प्रभारी सानोधा को सूचित कर चौकी शाहपुर से पुलिस स्टाफ क्षेत्र में भेजा गया। कई घंटे की सूक्ष्म खोजबीन और बच्चों के खेलने के ठिकानों की पड़ताल के बाद बच्चे के घर का पता चल सका। इसी बीच परिजन भी बच्चे की तलाश में परेशान थे। कंट्रोल रूम से उन्हें खबर दी गई, तो वे तुरंत विदिशा के लिए रवाना हो गए।
मिलन के भावुक पल विदिशा आरपीएफ थाने में आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद बच्चे को उसके बड़े भाई के सुपुर्द कर दिया गया। बच्चे के सही सलामत मिलने पर परिजनों ने विदिशा आरपीएफ, सागर पुलिस कंट्रोल रूम, थाना गोपालगंज एवं थाना सानोधा पुलिस टीम का दिल से आभार जताया।
सागर पुलिस का संदेश इस पूरे घटनाक्रम में RPF विदिशा और सागर पुलिस की संयुक्त सतर्कता, त्वरित निर्णय और करीब 4-5 घंटे की मेहनत से मासूम बालक सुरक्षित अपने घर लौट सका। अगर इतनी तत्परता न दिखाई जाती, तो कोई अनहोनी भी हो सकती थी।
सागर पुलिस ने एक बार फिर साबित किया कि वे नागरिकों की सुरक्षा और सहयोग के लिए हर समय तैयार हैं।