बाबा महाकाल नई पालकी में प्रजा का हाल जानने निकले, अब तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे
सावन के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की पहली सवारी घूमघाम के साथ निकाली गई। बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने अपने राजा के मन महेश स्वरूप में दर्शन कर आशीर्वाद लिया। सावन और भादो मास में बाबा महाकाल की सवारी निकाले जाने की परम्परा अनादि काल से चली आ रही है। इसी के चलते सावन के पहले सोमवार को एमपी के उज्जैन के बाबा महाकाल की पहली सवारी निकली।
इसके पहले महाकाल मंदिर के सभा मंडप में शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान मप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट एवं प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल मौजूद रहे। जिन्होंने पूजन के बाद पालकी को कांधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया गया। वही मन्दिर के मुख्य द्वार पर पुलिस दल ने भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
इसके बाद बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर राजसी ठाठ बाट से प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले तो प्रजा ने भी अपने राजा के स्वागत में पलक पावडे बिछा दिये। सवारी में पुलिस का घुड सवार पुलिस दल, पुलिस और होमगार्ड की टुकड़ी, पुलिस बैंड और भजन मंडलियां शामिल हुए। सवारी महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, पानदरिबा और रामानुज कोट होते हुए रामघाट पहुंची। जहां बाबा महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक किया गया।
इसके बाद सवारी कार्तिक चौक, ढाबा रोड और गोपाल मंदिर से गुजरते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंची। बाबा महाकाल ने अपने भक्तों को मन महेश स्वरूप में दर्शन दिए। सवारी के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गये थे। आशीष पुजारी, डॉ मोहन यादव, मुख्यमंत्री, गौतम टेटवाल प्रभारी मंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।