
सागर-राहतगढ़ में श्रावण मास की पावन परंपरा और अनंत आस्था को समर्पित बोरास घाट से पैदल चलकर निकली कावड़ यात्रा आज नगर के reliefगढ़ पहुँच गई। यह यात्रा पिछले 29 वर्षों से लगातार आयोजित हो रही है और इस बार 30वाँ वर्ष है। यात्रा के दौरान कावड़ियों ने नगर में प्रवेश करते ही भगवान शिव के जयकारों से माहौल को भक्तिमय कर दिया।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य बोरास घाट से नर्मदा का पावन जल लाकर राहतगढ़ के बनेनी घाट शिव मंदिर में भगवान विश्वनाथ का अभिषेक करना है। इस बार भी यात्रा में 54 श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने लगभग 147 किलोमीटर की दूरी पांच दिन में पूरी की। विशेष बात यह रही कि अधिकांश कावड़िये परंपरा के अनुसार नंगे पांव चले और कड़ी धूप व कठिन मार्ग के बावजूद आस्था की डगर पर अडिग रहे।
भक्ति और सेवा का संगम
कावड़ यात्रा का नगर में प्रवेश करीब दोपहर 1 बजे हुआ। नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर, जलपान करवा कर और ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया। इस दौरान पूरा नगर भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा और माहौल एक उत्सव में बदल गया।
बनेनी घाट पहुँचकर सभी कावड़ियों ने बीना नदी में स्नान किया और पवित्र नर्मदा जल से भगवान विश्वनाथ का अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
तीन दशकों की परंपरा
यात्रा के वरिष्ठ सदस्य बबलू महाराज ने बताया कि यह यात्रा लगातार 29 वर्षों से पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ निकाली जा रही है। इस बार यात्रा का 30वाँ वर्ष है, और हर बार की तरह इस बार भी नंगे पांव चलकर नर्मदा जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक किया गया है।

बबलू महाराज ने कहा कि "यह सिर्फ यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, त्याग और भगवान शिव के प्रति अनन्य प्रेम की मिसाल है।"
संगठन और सहयोग
नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों और श्रद्धालुओं ने भी कावड़ यात्रा में सहयोग दिया। कई जगह यात्रियों के लिए पेयजल, फल और विश्राम की व्यवस्था की गई। यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामूहिक सहयोग और भाईचारे का प्रतीक बन गई है।
भावनाओं का समर्पण
कावड़ यात्रा में शामिल एक अन्य कावड़िये ने कहा:
"हम हर साल नंगे पांव यह यात्रा करते हैं क्योंकि यह हमारे भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है। तकलीफ होती है, लेकिन बाबा विश्वनाथ की भक्ति में सब सहज हो जाता है।
यह यात्रा केवल नर्मदा जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करना नहीं, बल्कि संकल्प, आस्था और सेवा की मिसाल है, जो पिछले तीन दशकों से लगातार सैकड़ों श्रद्धालुओं को जोड़ती आ रही है।
हर हर महादेव!
राहतगढ़ से धर्मेंद्र सिंह राजपूत की रिपोर्ट






सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.