सागर में नेहा जैन ही होंगी देवरी नपा अध्यक्ष, शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
सागर जिले की देवरी नगर पालिका की अध्यक्ष नेहा जैन को उनके पद से हटाने के मध्यप्रदेश शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है, इसके साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस तरह बिना ठोस प्रमाण के पद से नहीं हटाया जा सकता, अदालत के आदेश के बाद देर रात नेहा जैन के समर्थकों ने नगर पालिका चौराहे पर आतिशबाजी कर जश्न मनाया,
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता (नेहा जैन) के खिलाफ लगाए गए वित्तीय अनियमितता और गबन के आरोप संदेहास्पद तो हैं, लेकिन सिद्ध नहीं किए जा सके हैं, जांच रिपोर्ट में केवल इतना कहा गया है कि कुछ लेन-देन, जैसे कि एयर कंडीशनर की खरीदी, संदिग्ध पाई गई है,
अदालत ने साफ कहा कि "संदेह कितना भी मजबूत क्यों न हो, वह प्रमाण का स्थान नहीं ले सकता"। इसलिए याचिकाकर्ता को इस आधार पर पद से हटाना उचित नहीं है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि 13 मस्टर रोल कर्मचारियों की नियुक्ति परिषद की मंजूरी के बाद की गई थी, इसलिए इसके लिए अकेले अध्यक्ष नेहा जैन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। वित्तीय अनियमितताओं के आरोप पूरी तरह प्रमाणित नहीं पाए गए, इसलिए न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए शासन के आदेश पर रोक लगा दी।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक इस मामले पर अगला आदेश नहीं आता, तब तक नेहा जैन को देवरी नगर पालिका के अध्यक्ष के रूप में काम करने दिया जाए। राज्य शासन को रिट याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
नेहा जैन को हटाए जाने के बाद शासन द्वारा 29 अगस्त को सरिता जैन को देवरी नगर पालिका के अध्यक्ष पद का कार्यभार सौंपा गया था। उन्होंने पदभार ग्रहण भी कर लिया था। लेकिन हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद अब देवरी नगर पालिका की अध्यक्ष फिर से नेहा जैन ही रहेंगी। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।