मजदूरों के साथ जमीन पर बैठी रही डिप्टी कलेक्टर जब तक उनका भुगतान नहीं हुआ
मजदूरों के बीच जीने पर बैठी ये कोई आम महिला नहीं बल्कि डिप्टी कलेक्टर हैं। तस्वीरें एमपी के बैतूल से सामने आयी हैं। जहाँ डिप्टी कलेक्टर जब तक जमीन पर बैठी रहीं। जब तक मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल गयी। दरअसल वन विभाग से मजदूरी नही मिलने के कारण मजदूर अपनी महिलाओं और बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए। ठंड में परेशान हो रहे मजदूरों के परिवार को देखकर महिला डिप्टी कलेक्टर निशा बाँगरे ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए मजदूरों के भूखे बच्चों को बिस्किट चॉकलेट खिलाये और देर रात तक उन्हें अपने सामने मजदूरी का पैसा दिलाया तब वो अपने घर गई। दरअसल कटनी जिले के मजदूर बैतूल काम करने आए थे। और वन विभाग ने इन्हें सालबर्डी बीट के जंगल में पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम दिया था। इन मजदूरों में से 28 मजदूरों का एक लाख 96 हजार की मजदूरी का भुगतान वन विभाग नहीं दे रहा था। इसको लेकर परेशान मजदूर बैतूल कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपने परिवारों के साथ धरने पर बैठ गए। कलेक्टर राकेश सिंह ने इस मामले को डिप्टी कलेक्टर निशा बाँगरे को सौंपा और निराकरण के आदेश दिये। वन विभाग का कहना था कि जिस साइज में इन मजदूरों को गड्ढे खोदने थे वैसे गड्ढे नहीं खोदे थे इसलिए इनका भुगतान तकनीकी कारणों से अटक गया था। वहीँ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने क्या कहा सुनिए।