22 करोड़ के फिल्टर प्लांट में शर्मनाक लापरवाही, खुले पानी टैंक के ऊपर कबूतरों के अंडे और बीट के ढेर !
एमपी के उज्जैन के नागदा से एक चौंकाने वाला और शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। शहर की जनता को पीने के लिए दिया जाने वाला पानी कितना असुरक्षित है, इसका खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट कैलाश सलोनिया ने किया है। उन्होंने बताया कि 22 करोड़ की लागत से बने फिल्टर प्लांट में खुले पानी के चैंबर के ऊपर कबूतरों ने अंडे दिए हैं, उनके बच्चे और बीट (मल) के ढेर खुले तौर पर जमा हैं, और हैरानी की बात यह है कि दो माह से पानी फिल्टर करने वाली मशीनें भी बंद पड़ी हैं।
शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कैलाश सलोनिया ने मीडिया के सामने यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त दस्तावेज़ों, वीडियो और तस्वीरों में यह साफ देखा जा सकता है कि पानी से भरे चैंबर के ठीक ऊपर कबूतरों ने घोंसले बनाए हुए हैं। वहीं नीचे वही पानी भरा है जो शहर में पेयजल के रूप में सप्लाई होता है।
सलोनिया ने कहा — “यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। जहां एक ओर यह पानी लोगों के घरों में पीने, नहाने और पूजा-पाठ में इस्तेमाल होता है, वहीं दूसरी ओर उसमें कबूतरों की बीट और अंडों के अंश मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने आगे कहा कि यह खुलासा नपा (नगर पालिका) के सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ, जब फिल्टर प्लांट के निरीक्षण के दौरान RTI के तहत फोटो और वीडियो साक्ष्य लिए गए।
प्लांट की छत पर गंदगी के ढेर साफ दिखाई दे रहे हैं, और थोड़ी-सी हवा या हलचल से ये अंश सीधे नीचे पानी में गिरने की संभावना रखते हैं। सलोनिया ने सवाल उठाया कि इतने बड़े बजट की योजना में रखरखाव की ऐसी लापरवाही आखिर क्यों? उन्होंने मांग की कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और फिल्टर प्लांट की व्यवस्था तत्काल दुरुस्त की जाए।