भारत का सबसे पुराना पेट्रोल पंप, पर गंदगी की भरमार! पीने के पानी में लार्वा, स्वच्छ भारत अभियान को लगा दाग
कहते हैं — ओल्ड इज़ गोल्ड, लेकिन नगर के राजाराम पन्नालाल अग्रवाल पेट्रोल पंप के हाल देखकर लगता है कि यह कहावत यहां फीकी पड़ गई। भारत का सबसे पुराना पेट्रोल पंप होने का दावा करने वाली यह जगह, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रही है। यहां न सिर्फ गंदगी का आलम है, बल्कि पीने के पानी में लार्वा मिलने से हड़कंप मच गया है। एमपी के अशोकनगर जिले के विदिशा रोड स्थित इस पंप पर पेट्रोल में मिलावट की शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में आया। बुधवार को तीन विभागों की संयुक्त टीम — जिला आपूर्ति विभाग की प्रभारी अधिकारी प्राची शर्मा, नापतौल विभाग से श्याम सुंदर मिश्रा, और मलेरिया विभाग से यशवंत सिंह रघुवंशी मौके पर पहुंचे।
जांच के दौरान पीने के पानी की टंकी में लार्वा पाया गया। वाशबेसिन के नीचे काई और कीड़े मिले, जिन पर तुरंत दवा का छिड़काव किया गया। मलेरिया विभाग ने टंकी को खाली करवाकर सफाई के निर्देश दिए। वहीं, पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने पहले टंकी में पानी होने से ही इनकार कर दिया था। इसी बीच पेट्रोल की डेंसिटी जांच भी की गई। तीन दिन से मशीन पर डेंसिटी “818” दिखने पर उपभोक्ताओं को शक हुआ था।
हालांकि जांच के दौरान यह 752 पाई गई, जो निर्धारित मानक के भीतर है। अधिकारियों ने पंप कर्मचारियों को उपभोक्ताओं से सही व्यवहार और सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। भारत का यह सबसे पुराना पेट्रोल पंप, जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ रुपए बताई जाती है, सुविधाओं और स्वच्छता के मामले में पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन की सख्ती के बाद क्या यह ऐतिहासिक पंप अपनी छवि सुधार पाता है या नहीं।