सागर-विधायक जैन के साथ केंद्रीय जेल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास इन्द्रेश उपाध्याय जी, कैदियों से आत्मीय संवाद — भजनों से गूंज उठा परिसर
सागर-विधायक जैन के साथ केंद्रीय जेल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास इन्द्रेश उपाध्याय जी, कैदियों से आत्मीय संवाद — भजनों से गूंज उठा परिसर
सागर। अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास परम पूज्य पं. इन्द्रेश उपाध्याय जी महाराज सोमवार को विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन के साथ सागर की केंद्रीय जेल पहुंचे, जहाँ उन्होंने बंदी कैदियों से आत्मीय संवाद स्थापित किया। उनके साथ श्रीमती अनुश्री जैन, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी और श्रीमती ऋतु तिवारी भी मौजूद रहीं।
भजनों से सजा आध्यात्मिक वातावरण
जेल अधीक्षक मानवेंद्र सिंह, पुजारीगण और कैदियों ने महाराज श्री का ससम्मान स्वागत किया। संवाद के दौरान उन्होंने ‘गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो’ एवं ‘राधा गोरी गोरी’ जैसे भजनों से पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
“मानवों के बंदी गृह, यमराज के बंदी गृह से कहीं अच्छे हैं” — महाराज श्री
महाराज जी ने जीवन के सत्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वास्तविकता केवल परमात्मा और स्वयं व्यक्ति ही जानता है, इसलिए दूसरों को प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि कई बार इंसान को उन गुनाहों की भी सजा मिल जाती है जो उसने किए ही नहीं, लेकिन यह भी जीवन का हिस्सा है।
भीष्म पितामह के प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा— “दर्शन और सीख हमेशा सम्मुख जाने से मिलती है। दुख हमें मजबूत बनाते हैं।”
कैदियों को दिया आत्मोन्नति का संदेश
इन्द्रेश उपाध्याय जी ने कैदियों को प्रेरित किया कि वे जेल में रहते हुए पुनर्निर्माण, आत्मचिंतन और नए कौशल सीखने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा— “कुछ नया सीखें, लिखना शुरू करें। जीवन बदलने का अवसर हर पल मौजूद है।”
मृत्यु के अंतिम क्षणों पर उन्होंने बताया कि अंतिम सात मिनटों में व्यक्ति का पूरा जीवन चलचित्र की तरह सामने आ जाता है।
हथकरघा प्रकल्प एवं गौशाला का निरीक्षण
महाराज श्री ने जेल परिसर में संचालित हथकरघा प्रकल्प और गौशाला का भी अवलोकन किया और कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा— “अगली बार जब भी आऊंगा, कम से कम तीन दिन आपके बीच रहकर ही जाऊंगा और यहीं बाल भोग करूंगा।”