जब गुरु ही करने लगे धर्म को लेकर भेदभाव तो बच्चो को क्या मिलेगी शिक्षा ||STVN INDIA || SAGAR TV NEWS
शिक्षक समाज का भविष्य निर्माता होता है लेकिन बैतूल के बोरगांव में सरकार मिडिल स्कूल के एक शिक्षक ने मासूम बच्चों को कुछ ऐसा पाठ पढ़ाने का प्रयास किया जो बच्चो और समाज के लिए घातक है। अरविंद बालाघरे नाम के इस शिक्षक ने गांव के बच्चों की कलाईयों पर बंधे रक्षा सूत्र और कलावे काटकर फेंक दिए साथ ही बच्चों को क्या सिखाया आप खुद सुन लें । शिक्षक की सफाई है कि वह सब बच्चो को एक समान देखते है।इसलिए धागे कटवा डाले।दरअसल 15 जनवरी को जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की गई कि मोहल्ला क्लास के दौरान सातवी आठवी कक्षा केके बच्चों के दस बारह बच्चों के हाथ मे बंधे रक्षा सूत्र शिक्षक अरविंद बालाघरे ने काट कर फेंक दिए और सलाह दी कि ना मंदिर जाना और ना माथे में टीका लगाना क्योकि भगवान नही होते है । इस बात की शिकायत बच्चों ने अपने माँ बाप से को बताई और जब ये खबर गाँव मे फैली तो हड़कम्प मच गया और आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल में शिक्षक को घेरकर उससे पूछताछ की जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है ।
शिक्षक की इस करतूत को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं और वो शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने शिक्षक को हटाने का प्रस्ताव जिला मुख्यालय को भेजने की बात कही है।
जिस शिक्षक पर बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा हो अगर वो ही उन्हें धर्म ,जातपात या ऊंच नीच की गलत तालीम देने लगे तो ऐसे शिक्षको का शिक्षा के मंदिर में ही प्रवेश बन्द होना लाजमी होगा । जब यह मामला जिला शिक्षा केन्द्र के डीपीसी सुनील कुमार बघेल के पास पहुचा तो उन्होंने टीम गठित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है । इस मामले में शिक्षक अरविंद बालाघरे कुछ भी बोलने को तैयार नही है ।