अमर शहीद के परिजनों की माली हालत खराब पंचर बनाकर कर रहे गुजारा || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
भारत की आज़ादी में कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। जब देश में भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था यानी 22 अगस्त 1942 को तब सागर के गढ़ाकोटा निवासी साबूलाल जैन स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद हो गए थे। वो यूनियन जैक को निकालकर तिरंगा ध्वज लगाने में लगे हुए थे। तभी गोली लगने से वो महज 17 साल की उम्र में शहीद हो गये थे। लेकिन आज परिवार की माली हालत ठीक नहीं है और उनके परिजन पंचर बनाकर गुजारा कर रहे हैं। बता दें की गढ़ाकोटा के सुभाष वार्ड में 5 अगस्त 1923 को सुक्के जैन के यहां साबूलाल जैन का जन्म हुआ। 22 अगस्त 1942 भारत छोड़ो आंदोलन की गढ़ाकोटा नगर में तैयारियां चल रही थी। तभी नगर के मुख्य बाजार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इकट्ठे हो गए और उन्होंने नगर के थाने में तिरंगा फहराने का निर्णय लिया। देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। और नदी पार स्थित थाने में तिरंगा फहराने के लिए पहुंच गए। भीड़ देख सिपाहियों ने लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गए। इसी बीच साबूलाल जैन तिरंगा झंडा हाथ में लेकर थाने में फहराने के लिए पहुंचे। तो गोली लगने से वह जमीन पर गिर पड़े और शहीद हो गए। इस आंदोलन में कई लोगों को जेल भी जाना पड़ा था। गढ़ाकोटा में साबू लाल जैन के नाम से स्मारक और स्कूल बना हुआ है। देश के लिये शहीद हुये अमर शहीद के परिजनों को आजतक कोई शासन से सुविधा नहीं मिली। गढ़ाकोटा निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पुत्र अरुण कुमार मलैया ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। तो शहीद साबूलाल जी के नाती राजेश जैन का क्या कहना है सुनिए।-------- इस आंदोलन में नगर के कई और लोग भी शामिल हुए थे।