कोरोना वायरस का दूसरा चरण काफी भयावह नज़र आ रहा है। जिसने बचने कई कदम उठाये जा रहे हैं। वहीँ अशोकनगर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने सरकार द्वारा भेजी गई एंटीजन किट पर सवालियां निशान खड़े कर दिए हैं। साथ ही प्रदेश और केंद्र सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने किट को काफी हद तक गलत बताया है। गौरतलब है। की एंटीजन किट से सिविल सर्जन की कोरोना वायरस की जांच हुई थी। जिसकी पुष्टि सीएमएचओ ने की है। ऐसे में एक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा पूरी जांच की किट को गलत बताया जाना कई सवाल खड़े करता है।
सिविल सर्जन की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव हैं। और ऐसी स्थिति में न सिर्फ वो अस्पताल परिसर के आम व्यक्तियो,मरीजो और परिजनों के बीच घूमते दिखे बल्कि जिलाधीश के साथ वो अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा भी लेते दिखे। तमाम प्रयास कोरोना से बचने किये जा रहे हैं लेकिन जब जिम्मेदार लोग ही ऐसे घूमेंगे तो कैसे इस महामारी पर लगाम लग सकेगी।
इस पूरे मामले में प्रशासन के ही दो अधिकारी आमने सामने हो गए हैं। सीएमएचओ ने सिविल सर्जन के संक्रमित होने की पुष्टि की है। उन्हें 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन होने के निर्देश दिए जाने की बात सीएचएमओ ने की है। वहीं जब सिविल सर्जन से बात की तो उन्होंने ना सिर्फ जांच रिपोर्ट को गलत बताया बल्कि जांच में उपयोग की जाने वाली एंटीजन किट को ही दोषी ठहराते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार पर ही आरोप लगा दिए
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